हिमांशु शेखर.रांची.महात्मा गांधी के रांची आने पर स्थानीय आडेª हाउस में रविवार को कार्यक्रम का आयोजन किया गया।राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि आड्रे हाउस का नाम बदल कर महात्मा गांधी मेमोरियल हाउस किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि टाना भगत आजादी के 70 वर्ष बाद भी महात्मा गांधी के आदर्शों को अपने जीवन में संजोये हैं। सामाजिक और आर्थिक रूप से कमजोर होने के बाद भी वे महात्मा गांधी के विचारों को की पूजा करते हैं। राज्यपाल ने कहा कि आज ऐतिहासिक दिन है। आज के दिन ही महात्मा गांधी ने आड्रे हाउस में लोगों के हित की बात अंग्रेजी हुकुमत से की थी।
झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने इस अवसर पर कहा कि आजादी की लड़ाई के दौरान राष्ट्रपिता महात्मा गांधी हमेशा कहते थे कि स्वराज के साथ-साथ सुराज भी जरूरी है। भारत की आत्मा गांव में बसती है और जब तक गांव का विकास नहीं होगा, देश विकसित नहीं हो सकता है। बापू के सपनों के अनुरूप केंद्र और राज्य सरकारें गांवों को समृद्ध और शक्तिशाली बनाने के लिए कार्य कर रही हैं।
महात्मा गांधी के प्रथम बार रांची आगमन के 100 वर्ष पूरा होने के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम के अवसर पर सभी लोगों ने महात्मा गांधी की तस्वीर पर माल्यार्पण किया। इस अवसर पर संजय लाल द्वारा निर्देशित नाटक का मंचन भी किया गया।
कार्यक्रम में, विधानसभा अध्यक्ष दिनेश उरांव, नगर विकास मंत्री सीपी सिंह, संसदीय कार्य मंत्री सरयू राय, झारखंड राज्य खादी व ग्रामोद्योग बोर्ड के अध्यक्ष संजय सेठ, पद्मश्री मुकुन्द नायक, मंत्रिमंडल सचिवालय के सचिव एसएस मीणा, पर्यटन, खेलकूद, कला संस्कृति विभाग के सचिव राहुल शर्मा सहित कई लोग मौजूद थे।