बिहार बोर्ड के 12वीं के रिजल्ट में सरकार फेल

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इशान दत्त.पटना. बिहार बोर्ड के 12वीं के रिजल्ट घोषित कर दिए गए हैं जिसमें सरकार फेल हो गई है क्योंकि इससे बिहार बोर्ड के एजुकेशन सिस्टम की पोल खुल गई है.इस साल साइंस, आर्ट्स और कॉमर्स स्‍ट्रीम में परीक्षा में शामिल हुए कुल 12,40,168 छात्रों में से केवल 35 प्रतिशत ही पास हुए. यानि 4,37,115 छात्र उत्तीर्ण हुए और बाकी फेल हो गए. 4,37,115 में से केवल 8.34 प्रतिशत यानि 1,03,460 छात्र फर्स्‍ट डिवीज़न में उत्तीर्ण हुए, जबकि 2,93,260 यानि 23.65 प्रतिशत छात्र सेकेंड डिवीज़न, जबकि 40,395 छात्र थर्ड डिवीज़न से उत्तीर्ण हुए.
विज्ञान संकाय में इस वर्ष जहां 30 प्रतिशत ही परीक्षार्थी सफल हो सके, जबकि पिछले साल 66 फीसदी छात्र पास हुए थे. कला संकाय में 37 प्रतिशत ही परीक्षार्थी सफलता पा सके, जबकि पिछले वर्ष छात्रों का पास प्रतिशत 57 फीसदी था. हालांकि वाणिज्य संकाय में 73.76 प्रतिशत परीक्षार्थी सफल रहे. पिछले वर्ष 80 फीसदी छात्र पास हुए थे.साइंस स्‍ट्रीम में परीक्षा में बैठे 6,46,231 छात्रों में से 57,706 यानि 8.93 फीसदी छात्र फर्स्‍ट डिवीज़न से उत्‍तीर्ण हुए और रिकॉर्ड 20 प्रतिशत यानि 1,30,800 छात्र सेकेंड डिवीज़न से पास हुए. जबकि 4,49,280 स्‍टूडेंट्स, लगभग 70 प्रतिशत छात्र पास होने में विफल रहे.आर्ट्स में 61 प्रतिशत छात्र यानि कुल 3,30,338 फेल हो गए, जबकि 35,975 यानि 6.74 प्रतिशत फर्स्‍ट डिवीज़न से उत्‍तीर्ण हुए और 25 फीसदी यानि 1,33,773 छात्र सेकेंड डिवीज़न से पास हुए.
कॉमर्स में 25 फीसदी छात्र फेल हो गए.

12वीं के परीक्षा परिणामों में बिहार बोर्ड के खराब प्रदर्शन को देखते हुए प्रिंसिपल सेक्रेटरी ऑफ एजुकेशन डिपार्टमेंट आर. के महाजन ने कहा कि कड़ाई से कॉपी जांच होने के कारण पास प्रतिशत घट गए हैं.अब सवाल उठना स्वाभाविक है कि पिछले वर्षों हुए रिकार्ड तोड़ कदाचारिता की बदनामी से बचने के लिए जब कड़ाई की गई तो जो परिणाम आए इससे यह तो स्पष्ट ही हो गया कि बिहार के सरकारी स्कूलों में पढाई पर कितना ध्यान दिया जाता है.

 

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