संवाददाता.पटना.राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन ने तीस घंटे बीत जाने के बावजूद प्रदेश भाजपा मुख्यालय पर हमला करने वालों को दबोचने में पुलिस की विफलता पर क्षोभ व्यक्त करते हुए पर्दा के पीछे से घटना को अंजाम देने वाले राजद प्रमुख लालू प्रसाद और उनके दोनों पुत्रों तेजस्वी और तेज प्रताप के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करने की मांग की है ।
इस संबंध में राजग के एक प्रतिनिधिमंडल ने आज राज्यपाल डा.रामनाथ कोविंद से मुलाकात की और उन्हें घटना से पूरी तरह से वाकिफ करते हुए दो पृष्ठों का ज्ञापन दिया। प्रतिनिधिमंडल में पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष नित्यानंद राय, विधान सभा में प्रतिपक्ष के नेता डा0 प्रेम कुमार, वरिष्ठ भाजपा नेता नंदकिशोर यादव, विधान सभा में भाजपा के मुख्य सचेतक अरूण कुमार सिन्हा, राज्यसभा सदस्य आरके सिन्हा, पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष देवेश कुमार, युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष और बांकीपुर के विधायक नीतीन नवीन, दीघा विधायक डा0 संजीव चौरसिया, हम के राष्ट्रीय महामंत्री अनिल कुमार, प्रवक्ता दानिश रिजवान, फैज आशिकी सिद्धिकी, अनामिका पासवान, लोजपा के सत्यानंद शर्मा और विधायक राजीव तिवारी और रालोसपा के सत्यानंद डांगी आदि शामिल थे।
ज्ञापन में कहा गया है कि जिस इलाके में राजद का जुलूस निकला वह प्रतिबंधित क्षेत्र था फिर किसकी अनुमति से जुलूस निकला और जुलूस के आगे-पीछे चल रहा पुलिस बल क्या कर रहा था ? हमला के वक्त लालू प्रसाद के पुत्र तेज प्रताप की गाड़ी घटना स्थल के आसपास मंडरा रही थी । क्या यह एक सुनियोजित साजिश की ओर इशारा नहीं करता है? ज्ञापन में उन पुलिस पदाधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई करने की मांग की गयी है जो जुलूस में शामिल राजद कार्यकर्ताओं को उकसाने काम कर रहे थे। इससे पूर्व 2 अप्रैल 2017 को भी कथित धर्म निरपेक्ष सेवक संघ (डीएसएस) के संरक्षक तेज प्रताप सैकड़ों दुपहिया वाहनों के साथ मार्च करते हुए खुद टमटम पर सवार होकर गांधी मैदान और वापस डाकबंगला तक आये थे। यह सारा कार्य उन्होंने मंत्री पद पर रहते हुए किया लेकिन पुलिस और प्रशासन पूरी तरह मूकदर्शक बना रहा । आखिर क्या कारण है कि राजद के मामले में पुलिस प्रशासन मूकदर्शक बन जाता है। हमला भाजपा कार्यालय पर हुआ और जख्मी भाजपा कार्यकर्ता हुए लेकिन पुलिस राजद का पक्ष अधिक ले रही है।ज्ञापन के मुताबिक लालू प्रसाद एवं उनके परिजनों के ठिकानों पर आयकर के छापे से तिलमिलाये राजद कार्यकर्ता अपने नेता के इशारे पर हिंसा पर उतारू हो गये हैं और कभी भी राज्य में किसी गंभीर घटना को अंजाम दे सकते हैं। स्वयं राजद के प्रवक्ता ने ही स्वीकार किया है कि आयकर छापा के विरोध में राजद कार्यकर्ताओं ने जुलूस निकाला।