संवाददाता.पटना.राजभवन में आयोजित कुलपति-प्रतिकुलपति सम्मेलन में राज्यपाल (कुलाधिपति) ने जहां अपने अतीत को नहीं भूलने की सलाह दी वहीं मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में बिहार को फिर से ऊॅचाई पर ले जाना है.
सम्मेलन में मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा मकसद है कि उच्च शिक्षा में बिहार के ग्रास एनरालमेंट रेशियो को बढ़ाना। उन्होंने कहा कि बिहार ज्ञान की भूमि रही है। चाणक्य, आर्यभट्ट यहीं के थे। प्राचीन काल में बिहार में नालंदा, बिक्रमशिला विश्वविद्यालय जैसे ज्ञान के केन्द्र थे। बिहार शिक्षा का बहुत बड़ा केन्द्र हुआ करता था। उन्होंने कहा कि आज देश के किसी कोने में चले जाइये, बिहार के छात्र बड़ी संख्या में मिलेंगे। हम संस्थाओं की कमी को पूरा करने की कोशिश कर रहे हैं। बिहार में नालंदा विश्वविद्यालय को फिर से पुनर्जीवित किया जा रहा है। मैं चाहता हूं कि नालंदा विश्वविद्यालय जल्द से जल्द अपने कैम्पस में काम करे। हमें शिक्षा के क्षेत्र में बिहार को फिर से उसी ऊॅचाई पर ले जाना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जहां 2005-06 में शिक्षा के लिये बिहार के बजट में 4261 करोड़ रूपये दिया गया था, वहीं 2016-17 में शिक्षा के लिये 21,897 करोड़ रूपये तथा वर्तमान वित्तीय वर्ष में 25 हजार करोड़ रूपये का प्रावधान रखा गया है। राज्य सरकार ने 20 प्रतिशत से ज्यादा बजट का हिस्सा शिक्षा क्षेत्र के लिये निर्धारित किया है। महामहिम की पहल पर विश्वविद्यालय सेवा अयोग का गठन करने का निर्णय हुआ है। जल्द ही नियमावली बनाकर इसका गठन कर दिया जायेगा।उन्होंने कहा कि आपके पास शिक्षकों का जो बल उपलब्ध है, उसका सदुपयोग करें।
शिक्षा के क्षेत्र में चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं की विस्तृत चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि छात्रों को उच्च शिक्षा ग्रहण करने में सुविधा हो, इसके लिये विभिन्न संस्थानों का निर्माण कराया जा रहा है। सभी जिलों में इंजीनियरिंग कॉलेज, पांच नये मेडिकल कॉलेज, सभी मेडिकल कॉलेजों में नर्सिंग कॉलेज के साथ पॉलिटेक्निक, ए0एन0एम0- जी0एन0एम0 कॉलेज का निर्माण कराया जा रहा है। इसके साथ-साथ सरकारी विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में पढ़ रहे छात्रों की सुविधा के लिये मुफ्त वाई-फाई की सुविधा दी जा रही है। उन्होंने कहा कि हम आपकी चिंता करते हैं, आप भी हमारी चिंता कीजिये। छात्रों को सही शिक्षा मिले, इस पर ध्यान दीजिये। उन्होंने कहा कि छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दी जाय।
सम्मेलन को संबोधित करते हुये राज्यपाल रामनाथ कोविन्द ने कहा कि हमें अपने अतीत को नहीं भूलना चाहिये। उसको स्थापित करने का पूरा प्रयास करना चाहिये। सम्मेलन को संबोधित करते हुये शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि पूरी सरकार तत्पर है कि उच्च शिक्षा को राज्य में कैसे सुदृढ़ किया जाय। इस अवसर पर प्रो0 दीपक नैय्यर तथा प्रो0 पंजाब सिंह ने भी सम्मेलन को संबोधित किया। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा प्रो0 दीपक नैय्यर तथा प्रो0 पंजाब सिंह को अंगवस्त्र एवं प्रतीक चिन्ह् भेंट किया गया। आयोजित समारोह में महामहिम राज्यपाल के प्रधान सचिव ई0एल0एस0एन0 बाला प्रसाद, प्रधान सचिव शिक्षा आर0के0 महाजन, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार सहित विश्वविद्यालयों के कुलपति एवं प्रतिकुलपति उपस्थित थे।