संवाददाता.पटना. प्रेस कान्फ्रेंस कर राजद प्रवक्ता की ओर से आरोप लगाने की जो असफल कोशिश की गई है उससे ‘खोदा पहाड़ और निकली चुहिया और वह भी मरी हुई’ की कहावत चरितार्थ हुई है।भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील मोदी ने कहा-मेरी ओर से चुनाव आयोग और राज्य सरकार को सम्पति संबंधि दिए गए शपथ पत्र में सारी जानकारियों को पारदर्शी तरीके से प्रदर्शित की गई है।
संवाददाता सम्मेलन में श्री मोदी ने कहा कि कम्पनियों के शेयर के बारे में आरोप लगाया गया है तो 1990 में जे के फार्मा जैसी कुछ कम्पनियों के हजार-दो हजार के शेयर मैंने खरीदा था जिनमें से करीब आधी कम्पनियां कब की बंद हो गई हैं। अगर मुझे कम्पनियों में कालाधन लगाना होता तो हजार-दो हजार नहीं 10-20 लाख लगाते।गाजियाबाद के जिस मकान का जिक्र किया गया है तो उस मकान का बिल्डर के साथ 2002 में एग्रीमेंट हुआ और 2009 में उसकी रजिस्ट्री हुई। उसकी तिथियों में कोई अन्तर नहीं है और किसी भी तथ्य को छुपाया नहीं गया है। पटना के राजेन्द्र नगर का मकान मेरे पिता जी के नाम से है और वह अभी तक मेरे नाम पर हस्तांतरित नहीं हुआ है, इसीलिए उसे घोषणा पत्र में शामिल नहीं किया गया है। बिहार के बाहर के मकान के बारे में शपथपत्र में जो 51 लाख कीमत दर्शाया गया है वह बाजार मूल्य नहीं उस मकान का खरीद मूल्य है। मेरी ओर से दाखिल किए गए घोषणा पत्र में सभी जानकारियों को पारदर्शी और नियमानुकूल तरीके से दर्शाया गया है इसीलिए कहीं कोई विरोधाभास नहीं है।
सुशील मोदी के प्रेस कॉन्फ्रेन्स के मुख्य विन्दुः-
गलत कागजों के आधार पर तेज प्रताप को पेट्रोल पम्प आवंटित
· राज्य के स्वास्थ्य मंत्री श्री तेज प्रताप यादव ने पटना के न्यू बाइ पास पर बेऊर के पास गलत कागजों के आधार पर अधिकारियों की मिलीभगत से 2011 में भारत पेट्रोलियम का एक पेट्रोल पम्प अपने नाम आवंटित करा लिया ।
· जिस समय तेज प्रताप ने 2011 में आवेदन किया और साक्षात्कार दिया उस समय एन.एच30 न्यू बाइ पास की 43 डिसमिल जमीन उनके पास नहीं थी ।
· बिहटा में बीयर फैक्ट्री लगाने वाले अमित कत्याल ने 9 जनवरी, 2012 को A K Infosystem के एम डी के नाते तेजस्वी यादव को पेट्रोल पम्प लगाने के लिए 136डिसमिल जमीन लीज पर दे दिया ।
· पेट्रोल पम्प हेतु आवेदन दिया तेज प्रताप ने परन्तु जमीन लीज पर पेट्रोल पम्प हेतु मिली तेजस्वी यादव को ।
· जब तेज प्रताप यादव की न तो अपनी जमीन थी और न ही लीज उनके नाम से था तो फिर यह पेट्रोल पम्प कैसे आवंटित किया गया ।
· 2014 में करोड़ों की जमीन सहित राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव पूरी कम्पनी के मालिक बन बैठे ।
· इसी A K Infosystem को ओ0पी0कत्याल ने 80 लाख तथा अमित कत्याल ने 30लाख का ऋण दिया था जिससे 2006-07 में136 डिसमिल जमीन खरीदी गयी जो अब राबड़ी देवी और तेजस्वी के कब्जे में है ।
· Letter of appointment के समय आवंटी को affidavit करना पड़ता है कि I also affirm that during the tenure of the Dealership I will not take any employment in Pvt Sector & draw any salary / perks / emoluments from State/ Central Govt.
· क्या तेज प्रताप ने इस तरह का affidavitदिया है और अगर दिया है तो क्या उन्होंने सरकारी वेतन, सुविधाएँ लेना बंद कर दिया है?
श्री मोदी ने सवाल उठाया है कि 2011 में पेट्रोल पम्प के लिए आवेदन एवं साक्षात्कार के समय जब कोई जमीन नहीं थी तो फिर किस आधार पर आवेदन किया गया। पेट्रोल पम्प आवंटित हुआ तेज प्रताप के नाम से परन्तु । A K Infosystem ने तेजस्वी के नाम 136 डिसमिल जमीन 2012 में लीज क्यों किया पेट्रोल पम्प लगाने के लिये। 2014 में अमित कत्याल ने पूरी कम्पनी पटना शहर की करोड़ों की जमीन सहित क्यों लालू परिवार को सौंप दी ?आवेदन देते समय जब जमीन तेज प्रताप के पास नहीं थी तो पेट्रोल पम्प कैसे आवंटित हुआ? तेज प्रताप ने यदि affidavit किया है कि वे सरकार से कोई वेतन, सुविधा नहीं लेंगे तो फिर वे वेतन, गाड़ी, बंगला आदि की सुविधा कैसे उठा रहे हैं? सरकार को दिए सम्पत्ति की घोषणा में इस पेट्रोल पम्प को क्यों छिपा लिया गया है ?