मुकेशश्री.
कहा जाता है कि ज्योतिष शास्त्र में रत्नों का विशेष महत्व है. कई बार इसके माध्यम से इंसानों की कई तरह की परेशानियों को दूर होते देखा गया है और कई बार ये कई बीमारियों के ठीक होने भी मदद करता है.यही कारण है कि ज्योतिष शास्त्र में रत्न को स्वास्थ्य के लिए बहुत ही फायदेमंद माना गया है. कई बार तो यह रोगों को होने ही नही देता मतलब अगर आप रत्नों का प्रयोग करते हैं तो आप को रोग होने ही नहीं देता है. इस तरह आप डाक्टर ,चिकित्सक ,अस्पताल, दवाई आदि के चक्करों से बच सकते हैं.यहां रत्नों से जुड़ी कुछ ऐसी ही चर्चा की जा रही है.
माणिक्य… माणिक्य ग्रहों का राजा सूर्य का रत्न है.लाल रंग का यह रत्न माणिक्य या माणिक हृदय रोग अथवा निम्न रक्तचाप से पीड़ित व्यक्तियों के लिए बहुत ही उपयोगी है.उनके लिए माणिक्य धारण करना अच्छा रहता है. आँखों के रोग एवं नेत्र की ज्योति के लिए भी यह रत्न फाएदेमंद रहता है .
मोती … चन्द्र ग्रह का विशेष रत्न है मोती.इसका रंग सफेद होता है. मन की बेचैनी एवं मानसिक विह्वलता,हताशा निराशा , डिप्रेशन , तनाव जैसी बीमारियों में यह रत्न बहुत ही कारगर होता हैं . जिन्हे सर्दी ,खांसी,टांसिल, साइनस और श्वास संबंधित बीमारी रहती है उन्हें भी मोती रत्न धारण करना चाहिए.
मूंगा .. लाल रंग का मूंगा मंगल ग्रह का रत्न है.इस रत्न को धारण करने से इंसान में जोश एवं उर्जा की वृद्धि होती है . कई बार किडनी के रोगियों के लिए मूंगा पहनना काफी फायदेमंद होता है. इसके अलावा पीलिया, लकवा एवं मिर्गी रोग में भी मूंगा पहनना लाभकारी होता है. इससे रोग में जल्दी सुधार होता है. माना तो यहां तक जाता है कि मूंगा धारण करने वालों को पीलिया रोग की संभावना ही नहीं होती है. बच्चों को मूंगा पहनाने से बालारिष्ठ रोग से बचाव होता है.
पन्ना ….पन्ना बुध का रत्न है.इसका रंग हरा होता है.पन्ना रत्न त्वचा सम्बन्धी रोग से बचाव करता है और त्वचा में निखार लाता है एवं दमा, खांसी जैसे रोग की संभावना कम रहती है. मिचली, अनिद्रा तथा टांसिल जैसे रोगों के लिए भी पन्ना फाएदेमंद होता है. इस रत्न के प्रभाव से लीवर एवं किडनी स्वस्थ रहता है. लीवर तथा किडनी के रोग से पीड़ित व्यक्ति इसे पहनें तो रोग में तेजी से सुधार होता है.
पोखराज….गुरू का रत्न है पीला पोखराज.मोटे लोग अपने मोटापे को नियंत्रित करने के लिए तथा दुबले लोग सेहत में सुधार के लिए पुखराज पहन सकते हैं. इसे धारण करने से रक्तचाप नियंत्रित रहता है. अल्सर एव सन्निपात रोगों में भी इससे फाएदा होता हुआ देखा गया है.
हीरा …. हीरा शुक्र ग्रह का रत्न है.माना जाता है कि यह व्यक्ति के सौन्दर्य में वृद्धि करता है. रक्त की कमी, मोतियाबिन्द तथा नपुंसकता जैसे रोग में भी हीरा काफी फायदेमंद होता है. हीरा पहनने से एनीमिया, हिस्टीरिया तथा क्षय रोग से बचाव होता है.
नीलम… नीलम शनि का रत्न है.यह नीले रंग का होता है. हड्डियों को मजबूती देने एवं हड्डियों के अन्य रोगों में भी नीलम बहुत ही फायदेमंद होता है. मिर्गी, ज्वर, गठिया, एवं बवासीर के रोग में भी नीलम से लाभ देखा गया है.
गोमेद …..राहु रत्न है गोमेद. गोमेद का रंग गोमूत्र के रंग का होता है. पेट तथा पाचन सम्बन्धी रोग में भी यह फायदेमंद होता है. गोमेद बौद्धिक क्षमता को भी बढ़ाता है. फायलेरिया तथा बवासीर , सर्दी, कफ तथा पित्त के रोग के लिए भी राहु रत्न गोमेद पहनना फायदेमंद होता है.
लहसुनिया…लहसुनिया केतु का रत्न है ,यह बिल्ली की आंख की तरह दिखती है और सर्दी, खांसी में फाएदा करता है . चर्म रोग और विष जन्य रोगों में भी यह विशेष लाभ देता है .खून की कमी में भी लहसुनियां पहनने से लाभ होता है . मुख के रोग, चेचक तथा बवासीर के लिए भी केतु प्रभावशाली रत्न माना गया है.
इसके अतिरिक्त बाबासीर रोग के लिए संगमरियम और किडनी से संबंधित रोगों के लिए किडनी स्टोन को धारण करना विशेष लाभदायक माना गया है.
ध्यान देने की बात ये है कि ज्योतिषीय मान्यताओं की यहां चर्चा की गई है.इसका ये कतई मतलब नहीं कि आप मेडिकल ट्रीटमेंट छोड़ कर इसी पर पूरी तरह से आश्रित हो जाएं.सलाह यह हो सकता है कि आप इलाज के साथ साथ रत्नों का उपयोग कर ज्यादा लाभ उठा सकते है.कई बार यह भी देखा गया है कि इलाज और दवा चलने के बाद भी मरीज को लाभ नहीं होता है और रत्न धारण करते ही उसी दवा और इलाज से लाभ प्राप्त होने लगता है.
(लेखक से मोबाइल नं. 9097342912 पर संपर्क किया जा सकता है.)