पप्पू यादव ने तेजस्वी व तेजप्रताप का चुनाव रद्द करने की मांग की

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निशिकांत सिंह.पटना.सांसद व जनअधिकार पार्टी के संरक्षक राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव शुक्रवार को बेऊर जेल से बाहर निकल गए. बेऊर जेल से बाहर निकलने के बाद पप्पू ने राजद सुप्रीमो व उनके परिवार पर जोरदार हमला किया है. उन्होंने कहा कि रेलमंत्री रहते हुए लालू यादव ने अरबों की बेनामी संपत्ति अर्जित की। रेलमंत्री के अधिकार का दुरुपयोग करते हुए उन्‍होंने अपने पुत्र और अन्‍य परिजनों के नाम से बेनामी संपत्ति अर्जित की। सांसद श्री यादव ने कहा कि गरीब परिवार से आने वाले लालू यादव ने सत्‍ता में आते ही अरबों की संपत्ति कैसे अर्जित कर ली, इसकी जांच होनी चाहिए.उन्‍होंने मुख्‍य निर्वाचन आयुक्‍त, आर्थिक अपराध एवं प्रवर्तन निदेशालय और रेलमंत्री को अलग-अलग भेजे पत्रों की कॉपी मीडिया को जारी करते हुए कहा कि काली कमाई को सफेद करने वाले लालू यादव और उनके परिजनों की साजिश का खुलासा होना चाहिए। उन्‍होंने कहा कि तेजस्‍वी यादव और तेजप्रताप यादव ने चुनाव के दौरान दायर अपने शपथ पत्र में संपत्ति से जुड़े तथ्‍यों को छुपाया था। शपथ पत्र में गलत और अधूरा ब्‍योरा देने के कारण तेज प्रताप यादव और तेजस्‍वी यादव के निर्वाचन को रद्द करना चाहिए।

सांसद ने कहा कि लालू यादव व उनके परिजन अवैध कमाई को सफेद करने के लिए समय-समय पर कंपनी बनाते रहे और उनका नाम भी बदलते रहे। पूर्व मुख्‍यमंत्री राबड़ी देवी समेत उनके अन्‍य परिजन भी इसमें शामिल रहे। शेयरधारक और निदेशक मंडल के सदस्‍य बनते रहे। इस पूरे प्रकरण में कानून की धज्जियां उड़ाई गईं। उन्‍होंने प्रवर्तन निदेशालय से उपलब्‍ध तथ्‍यों के आलोक में तेजस्‍वी यादव और तेजप्रताप यादव के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की।

श्री यादव ने रेलमंत्री को पत्र लिखकर 2004 से 2009 के बीच रेल मंत्रालय द्वारा दिये गये ठेके, कार्यादेश और नीलामी आदेश की जांच की मांग की। उन्‍होंने कहा कि लालू यादव ने रेलमंत्री के रूप में ठेका, कार्यादेश और नीलामी की प्रक्रिया में अरबों की अवैध संपत्ति अर्जित की और संबंधित पक्ष को लाभ को पहुंचाया। इसकी जांच करायी जाए और दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। 2004 से 2009 के बीच रेल मंत्रालय द्वारा दिये गये ठेके, कार्यादेश और नीलामी आदेश की जांच हो।पप्‍पू यादव ने कहा है कि उनके खिलाफ साजिश रचने वालों के विरुद्ध वे 5 करोड़ की मानहानि का मुकदमा करेंगे। केंद्रीय कारा बेउर से बाहर निकलने के बाद पत्रकारों से चर्चा में उन्‍होंने कहा कि भारत के इतिहास में पहली बार हुआ है कि थाने से बेल मिलने वाले मुकदमे में हाईकोर्ट से जमानत लेनी पड़ी। श्री यादव ने कहा कि वे कोर्ट का सम्‍मान करते हैं और कोर्ट पर उन्हें पूरा भरोसा है।

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