पाठ्यपुस्तक टेंडर घोटाले की जांच निगरानी से होगी

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संवाददाता.पटना.बिहार राज्य पाठ्य पुस्तक निगम के द्वारा टेंडर घोटाले की जांच निगरानी से करायेगी.  यह आश्वासन शिक्षा विभाग के प्रभारी मंत्री अवधेश सिंह ने आज विधानपरिषद में मंगल पांडेय के सवाल के उत्तर देते हुए दिया. मंगल पांडेय के तारांकित प्रश्न था कि क्या यह सही है कि बिहार राज्य पाठ्यपुस्तक निगम प्रिंटिंग प्रेस की पुस्तक छपाई के लिए कागज मुहैया कराता है लेकिन जितना कागज प्रेस को दिया जाता था उस अनुपात में पुस्तक की छपाई नहीं की जाती थी,परिणामस्वररूप विदयार्थी को समय पर पुस्तक नहीं मिल पाती है. आधी छपाई होती थी आधे कागज की बाजार में पदाधिकारी ठेकदारों के द्वारा बेच दिया जाता था. जिससे पाठ्य पुस्तक निगम में बड़े घोटाले का खुलासा हुआ.

इसपर प्रभारी मंत्री अवधेश सिंह ने कहा कि अगर घोटाला हुआ है तो उसकी जांच की जायेगी.इसपर मंगल पांडेय ने पुरक पूछा कि क्या सही है कि 2011 से 14 तक छपाई व ट्रांस्पोटेशन की टेंडर 14 से 15 करोड़ में हुई थी. इसे मंत्री ने स्वीकारा. उन्होंने पूछा कि कितने लोग टेंडर में बाग लिए थे तो तीन कहा गया. इसपर कमपनी को टेंडर दिया गया. उसके अलावे और कोई टेंडर डाला ही नहीं जिस कंपनी को टेंडर दिया गया वह लोकेश सिंह क्या जदयू के सदस्य नहीं है. इसपर विधानपार्शद नीरज कुमार ने कहा कि मेरी जानकारी में लोकेश कुमार सिंह दूर दूर तक जदयू के सदस्य नहीं है.

बाद में अपने कक्ष में पत्रकारों से बात करते हुए भारतीय जनता पार्टी के नेता सुशील कुमार मोदी ने कहा कि एलवन कंपनी को राज्य पाठ्य पुस्तक निगम टेंडर दिया था. वह कंपनी लोक प्रकाश की है जो जदयू के नेता है. बारबार उन्हें ही टेंडर दिया गया. मोदी ने कहा कि आरके महाजन ने इस घोटाले को पकड़ा और इस बार टेंडर मात्र 6-7 करोड में हुआ. मोदी ने कहा कि राज्य सरकार कह रही है कि निगरानी से जांच करायेंगे. मोदी ने कहा कि दूसरी ऐजेंसी से सरकार जांच कराये .

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