निशिकांत सिंह.पटना.विधानमंडल के दोनों सदनों में आज दवा खरीद घोटाले के मांमले पर हंगामा हुआ. विधानसभा में सरकारी अस्पतालों में मरीजों को जरूरी दवाईयां नहीं मिलने के मांमले पर हंगामा हुआ. और विधानसभा परिसर में सदस्यों ने प्रदर्शन भी किया. इस पर भाजपा के सदस्यों ने कार्यस्थगन दिया जिसे नामंजूर कर दिया गया.
इस दौरान भाजपा के नंदकिशोर यादव ने सदन में कहा कि राज्य के सरकारी अस्पतालों में जरूरी दवाईयां नहीं मिल रही है. क्योंकि दवा घोटाले के बाद सरकार ने दवाईयों की खरीद की ही नहीं.उधर, विधानपरिषद में रजनीश कुमार ने कार्यस्थगन दिया जिसे सभापति अवधेश नारायण सिंह ने नामंजूर कर दिया. उसके बाद विपक्षी सदस्य अपनी सीटों पर खड़ा होकर नारेबाजी करने लगे. बाद में पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि 2014 में दवा घोटाला हुआ था तथा 6 जून 2014 से बिहार में दवा की खरीद नहीं हुई है. राज्य में दवा की खरीद तमिलनाडु और आंध्र के तर्ज पर राज्य सरकार ने निर्णय लिया था कि दवाईयों की खरीद टेंडर से होगा. लेकिन राज्य सरकार ने तो किसी तरह की टेंडर नहीं निकाला दवाई घोटाला के बाद .
मोदी ने कहा कि राज्य सरकार सिविल सर्जन को दवा खरीद के लिए एक लाख तक का अधिकार दिया था कि इतने की दवा अपने स्तर से टेंडर के द्वारा खऱीददारी कर सकता है. लेकिन स्वास्थ्य केंद्र में मात्र पंद्रह तरह की दवाईयों की खरीद हो पाई जबकि खरिदना था 65 दवाईयां. सभी सिविल सर्जन भी खरीददारी नहीं कर पाये.
उन्होंने कहा कि इस साल सरकार अब 2 लाख तक की दवाईयों की खरीद की.मेडिकल कॉलेजों में दवाईयों की भारी किल्लत है. वहां चाहिए 120 तरह की दवाईयां और 15-16 तरह से ज्यादा दवाईयां उपलब्ध नहीं है. जीवन रक्षक दवाईयों की कमी के कारण लोग प्राईवेट अस्पाताल में ज्यादा जाने लगे है.
विधानपरिषद में उठा पुलिसिया कार्यवाई का मामला.
मुख्यमंत्री की सभा में सवाल पूछने पर युवा उद्यमियों के पुलिस प्रताड़ना का मामला आज विधानपरिषद में उठा. ध्यानाकर्षण के दौरान भारतीय जनता पार्टी के विनोद नारायण झा ने मामला को उठाया. उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में किसी को भी सवाल पूछने का अधिकार है.
जैसा कि मालूम हो कि बेगूसराय के सुरेश कुमार शर्मा व मधुबनी के नेमी कुमार ने स्टार्डम बिहार कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री से सवाल पूछ दिया था. उसके बाद गांधी मैदान थाना में आठ घंटे तक इन व्यापारियों को पूछ ताछ के लिए रखा गया इतना ही नहीं उनके घर तक जाकर पुलिस ने जांच की. उसके बाद छोड़ा गया.
इस मामले को उठाते हुए भाजपा नेता व परिषद सदस्य विनोद नारायण झा ने कहा कि लोकतंत्र में सवाल पूछने का अधिकार सबको है. कोई भी पूछ सकता है. इसपर सुशील मोदी ने कहा कि यह तो हिटलरशाही है. कोई सवाल करे तो उसे प्रताड़ित करो. इस मासले पर सरकार को जबाब देना चाहिए.