बिहार दिवस पर तेजस्वी ने की दिल की बात

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संवाददाता.पटना. बिहार दिवस के अवसर पर समस्त बिहारवासियों और देशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए राज्य के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने अपनी “दिल की बात” में कहा कि आज का दिन हमारे पूर्वजों के योगदान को नमन करने का और उन्हें श्रद्धांजलि देने का सुअवसर प्रदान करता है। साथ ही साथ आत्म अवलोकन करने का और आगे की रूप रेखा तैयार कर नयी ऊर्जा और स्फूर्ति से बढ़ने का संकल्प लेने का भी प्रेरणा देता है।

तेजस्वी ने लिखा है कि ऐतिहासिक रूप से सबसे महत्वपूर्ण प्रान्तों की अगर सूची बनाई जाए तो बिहार से अधिक महत्वपूर्ण राज्य शायद ही कोई सामने आए। मानवजाति को लोकतंत्र की भेंट देने वाला बिहार, लम्बे समय तक राजनीति का केंद्र रहा। पौराणिक युग में मगध और अंग प्रदेश से लेकर मध्यकाल के पाटलिपुत्र तक प्राचीन बिहार के स्वर्णिम युग से सभी भली भाँती परिचित हैं। देश में दूसरा कोई ऐसा राज्य नहीं है जो दो प्रमुख धर्मों का जन्मस्थान रहा हो। भगवान बुद्ध और महावीर ने बौद्ध और जैन धर्म की शुरुआत बिहार से ही की। सिखों के लिए गुरु गोविन्द सिंह जी महाराज के जन्मस्थान होने के नाते पटना का विशेष महत्व है। हिन्दू धर्म और इस्लाम के महत्व के भी बिहार में अनेक केंद्र हैं । लम्बे समय तक नालंदा उच्च शिक्षण संस्थान के रूप में विश्व विख्यात रहा । आर्यभट्ट, चाणक्य, वात्सायन, सम्राट अशोक, चन्द्रगुप्त मौर्य, अजातशत्रु, बिम्बिसार से भला कौन परिचित नहीं है? राजनीति, धर्म, विज्ञान, शिक्षा, दर्शन इत्यादि में बिहार के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता |

आधुनिक भारत में भी बिहार ने देश का मार्गदर्शन किया है। अंग्रेजों द्वारा नील की जबरन खेती और जमींदारी प्रथा का लम्बे समय तक दंश झेलने के कारण बिहार गरीब प्रान्त हो गया था। सही मायने में उस अन्यायपूर्ण व्यवस्था के प्रहार से बिहार आज तक पूरी तरह से उबर नहीं पाया है। यही कारण था कि गाँधीजी ने चम्पारण से ही आज़ादी की लड़ाई की शुरुआत की। बिहार से बिरसा मुंडा, तिलका मांझी, खुदीराम बोस, कुँवर सिंह जैसे हज़ारों स्वतंत्रता सेनानी हुए तो राजेन्द्र प्रसाद जैसे लाखों सत्याग्रही भी स्वतंत्रता संग्राम में कूद पड़े। राष्ट्रकवि दिनकर और फणीश्वर नाथ रेणु जैसे विलक्ष्ण प्रतिभा के कवि और लेखक भी बिहार की ही देन हैं ।

आज का बिहार आत्म निर्भर और विकासोन्मुख है| विकास दर में बिहार अव्वल है । शराबबंदी को कड़ाई से लागु कर पूरे देश के सामने उदाहरण पेश किया है । सडक निर्माण की गति किसी भी राज्य के मुकाबले बिहार में सबसे अधिक है । दुधारू और पालतू पशुओं की संख्या में भी बिहार देश के अग्रणी राज्यों में से एक है । गेंहूँ और मक्का के पैदावार में भी बिहार अपने से अधिक क्षेत्रफल वाले राज्यों से भी आगे है । बिहार के किसानों ने सीमित भूमि पर धान के सबसे अधिकार पैदावार का विश्व रिकॉर्ड बना कर अपना लोहा मनवाया है। कन्या भ्रूण हत्या, कुपोषण, स्त्री शिक्षा में बिहार में लगातार सुधार आ रहा है । बिहार के अफसर व प्रशासक ने एक तरह से पूरे देश के प्रशासन को सम्भालने में ख्याति पाई है । बिहार के श्रमिक देश भर के कल कारखानों को सस्ता श्रम प्रदान कर देश के इंजन के रूप में अपनी भूमिका निभाते हैं।

यह सच है कि आज भी बिहार की गिनती देश के सबसे निर्धन राज्यों में होती है । पर एक सकारात्मक पहल हुई है जिसे खुले मन से स्वीकारने की आवश्यकता है । बहुत सारे क्षेत्रों में बहुत कुछ किया जाना बाकी है पर प्रयत्न निरंतर रूप से जारी हैं | हर बिहारी को अपने अपने क्षेत्र में अपना अपना योगदान देना होगा । सरकार अपने सीमित संसाधनों का उत्कृष्टतम उपयोग कर आप सब के जन जीवन में आमूलचूल बदलाव लाने में प्रयत्नशील है । सरकार के प्रयासों में और तेज़ी आ जाएगी अगर हर नागरिक, समाज सेवक, स्वयं सेवी संगठन, उद्यमी, शिक्षक और व्यवसायी जन भी खुले मन से अपने स्तर पर इस दिशा में भरसक प्रयास करें | दूरी लम्बी है पर अगर हम सब एकजुट हो प्रयास करें, तो मंज़िल दूर भी नहीं।

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