संवाददाता.पटना.भाजपा के वरिष्ठ नेता सह लोक लेखा समिति के सभापति नंदकिशोर यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश की चुनी हुई सरकार और संवैधानिक तरीके से निर्वाचित मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर उल-जलूल टिप्पणी कर महागठबंधन के कुछ नेता जनभावनाओं की खिल्ली उड़ा रहे हैं। बिहार में नकार दिये गये ऐसे नेता गठबंधन की बैसाखी के सहारे सत्ता तक क्या पहुंच गये हैं, खुद को देश का प्रधानमंत्री और दूसरे प्रदेशों के मुख्यमंत्री तय करने की एजेंसी मानने लगे हैं।
श्री यादव ने कहा कि अपने बूते किसी एक राज्य की सरकार तक बनाने की राजनैतिक हैसियत नहीं रखने वाले ये नेता उस अभिभावक की तरह पेश हो रहे हैं जो परीक्षा शुरू होने से पहले ही छात्र को परिणाम से डराते रहते हैं। ये वही लोग हैं जो नरेन्द्र मोदी जी से सत्ता संभालने वाले दिन से ही हिसाब मांग रहे थे। जब जनता ने नरेन्द्र मोदी जी के द्वारा किये गये कार्यों की मार्किंग कर अपार बहुमत से सरकार बनाने का जनादेश दे दिया तो अब जनभावनाओं की खिल्ली उड़ाई जा रही है।
श्री यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश के चुनाव परिणाम से महागठबंधन के सबसे बड़े घटक के नेताओं के दिन की चैन और रात की नींद उड़ गयी है। यूपी में भाजपा को मिले अपार जनसमर्थन से महागठबंधन के इस घटक की महत्वाकांक्षा धाराशायी हो गयी। जिस तरह से परिवारवाद, जातिवाद और बेमेल गठजोड़ को यूपी ने नकारा है, कुछ नेताओं को राजनीतिक अस्तित्व पर फिर संकट मंडराने लगा है। यूपी के मुख्यमंत्री की कमान संभालने वाले आदित्यनाथ के पास व्यापक जनाधार है। इनपर संदेह करना या इनकी कार्यक्षमता पर अभी से प्रश्नचिन्ह करना जनादेश का घोर अपमान है। बेहतर होगा कि उल-जलूल बयानबाजी या अनर्गल प्रलाप कर माहौल बिगाड़ने की कोशिश कर रहे नेता संयम बरतें।