पटना एम्स के निदेशक बने डॉ प्रभात कुमार सिंह

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सुधीर मधुकर.पटना. सोमवार को डॉ. प्रभात कुमार सिंह ने एम्स पटना के निदेशक का पदभार ग्रहण कर किया | इससे पहले वे संजय गांधी पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीच्युट (एसजीपीजीआइ) लखनऊ के एनेस्थीसिया विभाग के हेड थे |  भुनेश्वर एम्स की निदेशक और पटना एम्स की प्रभारी निदेशक डॉ. गीतांजलि ने डॉ प्रभात कुमार सिंह को एम्स के निदेशक पद का चार्ज सौंपा |  डॉ प्रभात कुमार सिंह पटना एम्स के दुसरे निदेशक नियुक्त किये गये हैं इसके पहले पटना एम्स के संस्थापक निदेशक के पद से डॉ गिरिश कुमार सिंह पिछले साल ही रिटायर हुए थे|

पटना एम्स के निदेशक डॉ प्रभात कुमार सिंह ने कहा कि उनकी सबसे बड़ी और पहली प्राथमिकता ज्यादा से ज्यादा मरीजो के लिए बेड उपलब्ध कराया जाना होगी | उन्होंने कहा कि एम्स पटना में मरीजो की उमड़ती हुयी भीड़ देखते हुए जल्द से जल्द इमरजेंसी समेत अन्य अधूरे कार्यो को पूरा कराया जायेगा | इमरजेंसी सेवा शुरू कराने के लिए जो भी दिक्कते अभी आ रही है |  इसकी जानकारी लेकर जल्द समाधान कराएँगे |उन्होंने कहा कि मंगलवार से एम्स के सभी विभागों का मुआयना करेंगे जिससे यहाँ की सुविधाओ और समस्याओं की सही जानकरी उन्हें हासिल हो सके | उन्होंने कहा कि बाहर से आने वाले मरीजो को त्वरित उपचार शुरू कराने, मेडिकल स्टूडेंट्स समेत अन्य कर्मचारियों को क्या क्या समस्याएं हैं उनकी पूरी जानकारी लेने के बाद उन्हें जल्द दुरुस्त किया जायेगा |

इधर जानकारों की माने तो एम्स के इमरजेंसी सेवा जल्द से जल्द शुरू कराना नए निदेशक डॉ प्रभात कुमार सिंह के लिए सबसे बड़ी चुनौती होगी | पटना एम्स में अभी समस्याओं की लंबी कतार सामने खड़ी है | पटना एम्स में इमरजेंसी सेवा सुचारू रूप से अबतक चालू नहीं हो पाया है | एक तरफ एम्स में कई विभागों के लिए आधुनिक मशीनों की दरकार है तो दूसरी तरफ प्रोफेसर व ओपीडी में डॉक्टरों की भारी कमी है |  जिसका  खामियाजा मरीजों को भारी  परेशानियों का सामना कर उठाना  पड़ता है | इतना ही नहीं एम्स तक पहुँचने वाले मुख्य मार्ग की धीमी निर्माण प्रगति से निपटना एक अलग समस्या सामने है जिसमे जिला प्रशासन के कई बार आला आधिकारियो के मीटिंग के बाद भी सडक निर्माण काफी धीमी गति से चल रहा है | पटना एम्स में मरीजो की बढती भीड़ के लिए बेड समेत अन्य सुविधाओं को मुहैया कराना काफी मुश्किलों भरा काम है | एम्स के वर्तमान हालत यह है की कई विभागों के भवन निर्माण के बाद पूर्ण फिनिशिंग के पहले ही उसका उपयोग किया जा रहा है।

 

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