घटते लिंगानुपात पर जतायी गई चिंता,मानसिकता में बदलाव पर जोर

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हिमांशु शेखर.रांची.मंथन युवा संस्थान एवं प्लान इंडिया द्वारा सोमवार को रांची के होटल ग्रीन होराइजन में गिरते लिंग अनुपात पर राज्यस्तरीय मीडिया कार्यशाला आयोजित की गई। इसमें मुख्य अतिथि के रूप में पद्मश्री एवं वरिष्ठ पत्रकार बलबीर दत्त ने कहा कि समाज में लिंग अनुपात को बनाये रखने के लिए हमें अपना माइंड सेट बदलना होगा। हम कानून के भरोसे लिंग अनुपात को बनाकर नहीं रख सकते। इसके लिए हमें पहल करने की जरूरत होती है और लगातार प्रचार-प्रसार अभियान चलाने का प्रयास किया जाना चाहिए।

श्री दत्त ने कहा कि सिर्फ कानून बनने से समस्याएं नहीं मिटतीं। यह तभी मिटती हैं जब हम अपनी मानसिकता में इसे गंभीरतापूर्वक लेकर पहल करते हैं। उन्होंने कहा कि आज के समय में देश के 40 करोड़ लोग अनपढ़ हैं। सिर्फ मीडिया के सहारे इनतक नहीं पहुंचा जा सकता है। उन्होंने कहा कि 14 साल तक निःशुल्क शिक्षा देने, बाल विवाह रोकने, दहेज प्रथा उन्मूलन आदि से संबंधित कानून बने हुए हैं, पर इनका क्रियान्वयन नहीं होता।

कार्यशाला में राज्य बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष आरती कुजूर ने कहा कि हमसब जानते हैं कि आज समाज में लिंगभेद हो रहा है। सरकार इसके लिए कई योजनाएं चला रही हैं। रांची और खूंटी जिले के स्कूलों में पायलट आधार पर जेंडर इक्विटी मूवमेंट चलाकर यह जानने का प्रयास किया गया कि आखिर समुदाय में लड़कियां क्यों घट रही हैं। इसमें कोई नयी बातें सामने नहीं आयीं, बल्कि वही पुरानी समस्याएं जो चली आ रही हैं, सामने आयीं।  उन्होंने कहा कि आदिवासी समुदाय में इस तरह के भेदभाव कम दिखायी देते हैं। लिंग भेद कम करने एवं लड़कियों को सशक्त करने के लिए सरकार की योजनाओं को बेहतर ढंग से क्रियान्वयन किया जाना चाहिए।

राजस्थान पत्रिका की कैम्पेन एडिटर शिप्रा माथुर ने राजस्थान में मीडिया द्वारा संचालित विभिन्न अभियानों के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि समय-समय पर मीडिया हाउस की ओर से विभिन्न मुद्दों पर अभियान चलाया जाता है। लेकिन कुछ दिन के बाद इन अभियानों को बंद कर रूटीन खबर के रूप में बदल दिया जाता है। इसलिए आज मुद्दों को अंजाम तक पहुंचाने वाली पत्रकारिता की जरूरत है  और इसके लिए पत्रकारों की मानसिकता में बदलाव लाना होगा। जमीन पर जाकर पत्रकारिता करनी होगी, लोगों की आवाज को पत्रकारिता में ढालना होगा।

प्लान इंडिया के प्रोग्राम मैनेजर अरशद हुसैन ने झारखंड में गिरते लिंगानुपात पर विस्तार से चर्चा की। बताया कि राज्य में अब तक पीसीपीएनडीटी कानून के तहत कन्या भ्रूण हत्या से संबंधित मात्र 2021 केस दर्ज हुए हैं। इनमें से मात्र 206 केस में ही कार्रवाई हुई है। कार्यशाला में पंचायतनामा के संपादक संजय मिश्र,  आवाज के संपादक दीपक अंबष्ट के अलावा वरिष्ठ पत्रकार श्याम किशोर चौबे, केबी मिश्रा आदि ने अपने विचार रखे। विषय प्रवेश मंथन के मुख्य कार्यकारी पदाधिकारी सुधीर पाल एवं स्वागत प्लान इंडिया की देवयानी खान ने किया।

 

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