संवाददाता.पटना.एनडीए गठबंधन टूटने के बाद लालू-राबड़ी राज के सारे अपराधी और घोटालेबाज मांद से बाहर निकल कर सत्ता संरक्षण में फिर अपराध और घोटाले को अंजाम देने लगे हैं।यह आरोप लगाते हुए भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील मोदी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को चुनौती दी है कि वे बीएसएससी पर्चा लीक कांड के मुख्य आरोपित रामाशीष राय से लालू प्रसाद के संबंधों की जांच कराए और अगर उनमें हिम्मत है तो एसआईटी को उनसे पूछताछ करने का आदेश दे। अगर लालू प्रसाद रामाशीष राय को नहीं पहचानते हैं तो फिर चारा घोटाले के एक मामले में श्री राय उनके जमानतदार कैसे बने? टॉपर घोटाले के किंगपिन बच्चा राय को भी लालू प्रसाद ने जानने से इनकार किया था जबकि अनेक चुनावी सभाओं में वे दोनों साथ-साथ दिखे थे।
श्री मोदी ने कहा कि रामाशीष राय के नजदीकी रामसिंहासन यादव को क्या राबड़ी देवी के मुख्यमंत्रित्व काल में ही बिहार लोक सेवा आयोग का अध्यक्ष नहीं बनाया गया था? क्या रामसिंहासन यादव ने ही जोड़ तोड़ कर रामाशीष राय को बीपीएससी में लाकर अपना पीए नहीं बनाया था? एनडीए सरकार बनने के तुरंत बाद जहां घोटाले के आरोप में बीपीएससी चेयरमैन रामसिंहासन यादव को गिरफ्तार किया गया था वहीं 09 मई, 2006 को उनके पीए रामाशीष राय को भी 1.42 करोड़ रुपये की आय से अधिक सम्पति के मामले में गिरफ्तार किया गया और 2012 में उसकी सम्पति जब्त करने की कोर्ट से अनुमति मांगी गई थी। मुख्यमंत्री बतायें कि उस मुकदमे का क्या हुआ और आज तक उसकी सम्पति जब्त क्यों नहीं हुर्ह?
सरकार बतायें कि रामाशीष राय के एवीएन स्कूल के प्रबंधक रामसुमेर सिंह को केन्द्राधीक्षक कैसे बनाया गया जबकि वह न तो प्राचार्य और न ही शिक्षक है। जब सीबीएसई ने परीक्षा में धांधली व अन्य कतिपय अनियमितताओं के आरोप में 2015 में ही एवीएन स्कूल की मान्यता रद्द कर दी थी तो फिर वहां परीक्षा केन्द्र क्यों और किसके दबाव में बनाया गया? क्या रसूख के बिना यह सब संभव था?