नई दिल्ली.2017-18 के बजट में मध्यम वर्ग को राहत देते हुए आईटी छूट की सीमा 2.5 लाख से बढाकर 3 लाख कर दी गई और 2.5 से 5लाख तक की आय पर टैक्स को 10 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया है.लोकसभा में वित्त मंत्री अरूण जेटली ने 17-18 का बजट प्रस्तुत करते हुए यह घोषणा की.प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इसे विकासात्मक बजट बताते हुए कहा कि इसमें गरीबों-किसानों को राहत दी गई है,भ्रष्टाचार पर अंकुश,कृषि व ग्रामीण विकास के नए रास्ते खोलनेवाला बताया.
आईटी मामले में नया स्लैब बनाया गया है.बजट के अनुसार 3लाख तक टैक्स में छूट,3 से 5 लाख तक में 5 प्रतिशत,5से 10 लाख तक 20 प्रतिशत,10लाख से अधिक आय पर 30 प्रतिशत टैक्स लगेगें.50लाख से 1करोड़ तक आय वाले को 10 प्रतिशत और 1करोड़ से अधिक आय पर 15 प्रतिशत सरचार्ज देने होंगें.
पहली बार रेल बजट को अलग से प्रस्तुत करने के बजाए उसे आम बजट में ही शामिल किया गया.नए बजट में रेल किराए में कोई बढोतरी नहीं की गई है और न कोई नई ट्रेन चलाने की ही घोषणा की गई है.2020 तक मानव रहित रेल क्रॉसिंग को समाप्त करने व नई मेट्रो नीति बनाने की घोषणा की गई.
2019 तक एक करोड़ गरीबों को मकान देने और 2018 तक सभी गांवों में बिजली पहुंचाने की घोषणा की गई.
झारखंड व गुजरात में एक एक एम्स बनाने,पोस्ट ऑफिस द्वारा पासपोर्ट बनाने,सिनियर सिटिजन को हेल्थ कार्ड जारी करने,600 जिलों में कौशल विकास केन्द्र खोलने,देश से पलायन करनेवालों की संपत्ति जब्त करने,3लाख से अधिक के कैश लेनदेन पर रोक लगाने,किसानों के कर्ज के लिए 10लाख करोड़ देने,दो हजार से अधिक का राजनीतिक दलों के चंदे पर रोक लगाने की घोषणा की गई.