हिमांशु शेखर.रांची.झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास का पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा के रांची स्थित आवास पर जाने की सियासी हलके में खासी चर्चा हो रही है।हालांकि अर्जुन मुंडा के आवास पर कार्यक्रम धार्मिक था, लेकिन कहा जाता है कि राजनीति के दरवाजे कभी किसी के लिए बंद नहीं किये जाते।सो राजनीति में दोस्ती और दुश्मनी के बहाने हजार होते हैं।
सीएनटी-एसपीटी एक्ट में रघुवर सरकार द्वारा किये गये संशोधन को लेकर सरकार के ऊपर अर्जुन मुंडा खासे हमलावर हैं और सरकार के खिलाफ बयान के कई तीर उनके तरकश से निकल रहे थे। इस सिलसिले में वह रघुवर दास को पत्र भी लिख चुके हैं। अंततः रघुवर दास को विगत दिनों कहना पड़ा कि अर्जुन मुंडा सरकार के निर्णय का विरोध नहीं कर रहे हैं,बल्कि सीएनटी-एसपीटी एक्ट में हुए संशोधन के सकारात्मक पक्ष से व्यापक रूप से लोगों को अवगत कराने की वकालत कर रहे हैं। बहरहाल कयास यह लगाया जा रहा है कि रघुवर की ओर से अर्जुन की ओर बढ़ाये गये हाथ दोनों के बीच की सियासी गर्मी को कुछ हद तक कम जरुर करेगी, जिससे विपक्ष भी परेशान होगा।
यहां उल्लेखनीय है कि पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा के रांची स्थित सरकारी आवास पर रविवार को गुरु गोविंद सिंहजी के 350वें प्रकाशोत्सव का आयोजन किया था। इस अवसर पर तख्त श्री हरमिंदर साहिब पटना के जत्थेदार भाई इकबार सिंह मुख्य वक्ता के रुप में मौजूद थे। प्रकाशोत्सव में राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू व विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन सहित अन्य गणमान्य लोग भी शामिल हुए।
सिख भाइयों का कोई मुकाबला नहीं-मुख्यमंत्री
इस मौके पर मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि देश की संस्कृति और सभ्यता को बचाये रखने में सिख समुदाय का अहम योगदान है। मुगलों और अंग्रेजों से लोहा लेना हो या आज सीमा पर मां भारती की रक्षा करनी हो, हमारे सिख भाइयों का कोई मुकाबला नहीं है। सिखों के दस गुरुओं के कारण आज हमारी संस्कृति कायम है। उन्होंने कहा कि अपने पूवर्जों के दिखाये मार्ग का अनुशरण करने के साथ-साथ अनुकरण करने की भी जरुरत है।