निशिकांत सिंह.पटना. केंद्रीय राज्यमंत्री गिरिराज सिंह ने आज पटना में बिहार विद्यापीठ उद्भवन एवं उद्यमिता केंद्र में आयोजित संवाददात सम्मेलन के दौरान तकनीक के साथ विकास पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि पुराने चीजों में तकनीक के समन्वय से विकास को नया आयाम मिलेगा और उसके फायदे भी अधिक होंगे। उन्होंने कहा कि बिहार विद्यापीठ उद्भवन एवं उद्यमिता केंद्र राज्य व केंद्र सरकार से अलग एक स्वतंत्र इकाई के रूप में लोगों के लिए रोजगार सृजित करने का काम करेगी। केंद्र और राज्य सरकार की विकास योजनाओं को लागू कराने में सबसे ज्यादा परेशानी होती है, जिसे यह संस्था लागू कराने का भी काम करेगी।
श्री सिंह ने बिहार से हर दिन तीन करोड़ अंडे बाहर से आते हैं,जिस पर रोक लगानाआवश्यक है। इसके लिए राज्य में ही अंडा प्रचुरता अभियान के जरिए अंडे का उत्पादन तकनीक की सहयाता से बढ़ाई जाएगी।इससे राज्य में अंडे की कमी नहीं होगी और लोगों के लिए रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे। इसके अलावा बिहार विद्यापीठ उद्भवन एवं उद्यमिता केंद्र कपड़ा, मछली और दूध के उत्पादन को भी बढाने का काम करेगी। उन्होंने चीजों के उत्पदान में तकनीक के साथ– साथ कॉस्ट इफेक्टिव और यूजर फ्रेंडली होने की भी बात कही। उन्होंने कहा कि राजेंद्र बाबू और गांधीजी के हर हाथ काम और हर खेत पानी के सपने को बिहार विद्यापीठ उद्भवन एवं उद्यमिता केंद्र पूरा करने की कोशिश करेगी।
वहीं, पूर्व आईएएस अधिकारी विजय प्रकाश ने संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए बताया कि बिहार राज्य नव प्रवर्त्तन पर्षद, पशु एवं मत्स्य विभाग, कृषि विभाग, बामेती एवं नाबार्ड, क्षेत्रीय कार्यालय पटना और बिहार विद्यापीठ उद्भवन एवं उद्यमिता केंद्र के द्वारा संचालित बिहार के युवा वर्ग को स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराने तथा बिहार को अंडा उत्पादन में आत्म निर्भर बनाने हेतु बिहार अंडा प्रचुरता अभियान का शुभारंभ दिनांक 24 जनवरी 2017 को दोपहर 12 बजे माननीय पशुपालन एवं मत्स्य संसाधन मंत्री बिहार सरकार के अवधेश कुमार सिंह द्वारा अभियान से जुड़े किसानों के सम्मेलन में किया जाएगा। इस कार्यक्रम में विकास आयुक्त, बिहार शिशिर सिन्हा और माननीय विधायक संजीव चौरसिया की गरिमामयी उपस्थित रहेंगे।
उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम में मुख्य रूप में अंडा उत्पादन करने वाले किसान भाईयों के बीच ऋण स्वीकृति पत्र का भी वितरण किया जाएगा। इस कार्यक्रम में नाबार्ड एवं बिहार सरकार के संयुक्त प्रयास से चयनित किसानों को बैंक द्वारा अंडा उत्पादन हेतु परियोजना अनुरूप ऋण तथा तकनीकी सहयोग प्रदान कराया जाता है। बिहार विद्यापीठ उद्भवन एवं उद्यमिता केंद्र इन कार्यों में किसानों, कच्चा माल आपूर्ति करने वाली संस्थाओं, बैंकों, तकनीकी प्रशिक्षण सहयोग करने वाली संस्थाएं और मार्केंटिंग संस्थाओं के बीच समन्वय स्थापित करने का कार्य करती है। बिहार विद्यापीठ के सदस्य संजीव श्रीवास्तव ने कहा कि अंडा प्रचुरता अभियान का उद्देश्य है प्रदेश में कुपोषण की समस्या से संघर्ष करना और युवाओं को स्वरोजगार उपलब्ध करवाना। वर्तमान में बिहार राज्य में 0-5 वर्ष के आधे से अधिक बच्चे कुपोषित हैं और सरकार ने आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से बच्चों को सप्ताह में दो अंडा देने की योजना कार्यान्वित की है। इसके लिए राज्य में प्रतिदिन 2.8 करोड़ अंडों की खपत है, जबकि राज्य में प्रतिदिन मात्र 10 लाख अंडों का ही उत्पादन होता है। मतलब शेष 2.7 करोड़ अंडा राज्य में अन्य प्रदेशों से आता है। इस प्रकार यदि बिहार विद्यापीठ उद्भवन और उद्यमिता केंद्र एक समन्वयक की भूमिका में कार्य करते हुए राज्य में अंडा के उत्पादन को विकसित करता है तो आने वाले समय में यह राज्य में पोषण की स्थित को तो सुदृढ़ करेगा ही राज्य के सकल घरेलू उत्पाद में भी महत्वपूर्ण सहयोग प्रदान करेगा। राज्य में युवाओं की भागीदारी को विकास में सुनिश्चित करने के लिए यह भी आवश्यक है कि युवाओं को स्वाबलंबी बनाने की दिशा में अग्रेतर कार्य किया जाए। इसके अलावा इसके अवसर भी प्रदान किए जाएं।
उन्होंने कहा कि वर्तमान में सिवान, गोपालंगज, आरा, बक्सर, शेखपुरा, नवादा, किशनगंज, और बांका आठ जिलों में कुल 2021 किसानों ने आवेदन किया। इसमें 100 किसानों का आवेदन स्वीकृत करते हुए बैंकों को अग्रसारित किया गया है। अगले छह माह के अंदर प्रदेश में प्रतिदिन तीन करोड़ अंडे का उत्पादन सुनिश्चित किए जाने की योजना है। इस अभियान के कार्यान्वयन से करीब 2800 करोड़ रूपए ऋण देय होगा। इससे करीब पचास हजार लोगों को सीध रोजगार मिलेगा। इस अभियान के फलस्वरूप मुर्गी चारा का मिल, अंडा पैकिंग ट्रे, ट्रांसपोर्ट आदि के उद्योग भी स्थापित हो सकेंगे। इसके अलावा अंडा व्यवसाय के माध्यम से एक लाख से अधिक लोगों के रोजगार के अवसर सृजित होंगे।
संवाददाता सम्मेलन में पूर्व आईएएस अधिकारी राणा अवधेश सिंह, स्टेट लेवल बैंकर्स कमेटी के कंवेनर आर के दास, प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद की पौत्री तारा सिन्हा एवं बिहार विद्यापीठ के सदस्य संजीव श्रीवास्तव उपस्थित थे।