निशिकांत सिंह.पटना.राजद सुप्रीमों लालू प्रसाद के दबाव के कारण पटना नाव हादसे की जांच टीम से डीएम संजय कुमार अग्रवाल को हटा दिया गया. जांच समिति में पटना डीएम संजय कुमार अग्रवाल भी थे. राजद सुप्रीमों लालू प्रसाद ने जांच टीम पर संदेह व्यक्त किया था और कहा था कि बिल्ली को दूध की रखवाली की जिम्मेदारी दी गयी है.इससे निष्पक्ष जांच नहीं हो सकता है.
सूत्रों की माने तो लालू प्रसाद के दबाव के कारण ही डीएम को हटा दिया गया.अब दो ही लोग नाव दुर्घटना की जांच करेंगे.वैसे देखा जाय तो जांच कमेंटी सिर्फ जांच करती है लेकिन फिर उसके बाद किसी तरह की कार्यवाई नहीं होती है.
छठ घाट भगदड़ में 18 लोगों की मौत हुई थी.रावण दहन के बाद भगदड़ हुई थी 39 लोगों की मौतें हुई थी.इन दोनों मामले की जांच हुई थी लेकिन क्या कार्रवाई हुई जांच के बाद इसका खुलासा नहीं हो सका.छठ हादसे के लिए तब पटना जिला प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया गया था. लेकिन जो उस समय के डीएम थे वो दूसरे कैड़र में है तथा एसपी कुंदन कृष्ण फिलहाल सरकार के महत्वपूर्ण पदों पर प्रतिनियुक्त है.
इसी प्रकार दशहारा हादसे के लिए जिम्मेवार डीएम औऱ एसपी दोनों फिलहाल महत्वपूर्ण पदों पर है.तत्तकालीन एसएसपी फिलहाल पटना के ही सीनियर एसपी है तथा उस समय के डीएम मनीष वर्मा अभी मुख्यमंत्री के साथ है.
राजद सुप्रीमों लालू प्रसाद ने कहा था कि दूध का रखवाली का जिम्मा बिल्ली को नहीं दे. उन्होंने कहा था प्रशासनिक लारवाही से 25 लोगों की मौत हो गई. इस दुर्घटना के बाद प्रशासन पर सवाल उठना लाजमी है. ऐसे में जो जिम्मेदार है उसे ही जांच के लिए कहा जाय वही बात हो गई बिल्ली को दूध की रखवाली वाली. लालू प्रसाद के हस्तक्षेप के बाद डीएम को जांच से मुक्त कर दिया गया. अब डीआईजी शालीन व प्रत्यय अमृत के जिम्मे जांच कार्य है.यही दो अधिकारी जांच कर सरकार को रिपोर्ट सौपेंगे.