संवाददाता.पटना.बिहार की जनता सरकार से पूछ रही है कि जब यहां पूर्ण शराबबंदी लागू है तो शराब की फैक्ट्रियां क्यों चल रही है? करमुक्त शराब का उत्पादन क्यों जारी है? पूर्ण शराबबंदी के बावजूद प्रतिदिन हजारों लीटर शराब क्यों पकड़ी जा रही है? शराब माफियाओं के हौसले इतने बुलंद क्यों है कि वे पुलिस पर हमला करने तक की हिमाकत कर रहे हैं? क्या 21 जनवरी से पहले सरकार चल रही शराब फैक्ट्रियों को बंद करने की घोषणा करेगी?
ये सारे सवाल भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील मोदी ने नीतीश सरकार से पूछे हैं उन्होंने पूछा है कि शराबबंदी के तालिबानी कानून में संशोधन के लिए बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में जो राय आई थी, एक महीना से अधिक समय गुजर जाने के बावजूद उन पर कौन सी कार्रवाई हुई है?जब बिहार में पूर्ण शराबबंदी है तो यहां की तीन बीयर व 12 विदेशी शराब फैक्ट्रियों के आज तक चलने का क्या औचित्य है? इन फैक्ट्रियों को निर्यात शुल्क व बॉटलिंग फी में छूट देकर सस्ती शराब के उत्पादन को बढ़ावा क्यों दिया जा रहा है? शराब उद्योग की अनुज्ञप्ति के नवीनीकरण और यहां से शराब तैयार कर दूसरे राज्यों में भेजने का क्या औचित्य है? शराब के कारोबार को अनैतिक बताने वाले मुख्यमंत्री बिहार में शराब निर्माण को पूरी तरह से प्रतिबंधित क्यों नहीं कर रहे हैं?
मोदी ने कहा कि पूरे गांव पर सामूहिक जुर्माना, परिवार के सभी वयस्क सदस्यों को जेल, शराब की खाली बोतल मिलने पर भी परिसर को जब्त करने जैसे सजा के कठोर तालिबानी प्रावधानों के बावजूद सरकार 30 प्रतिशत शराबबंदी भी क्यों नहीं लागू करा पाई है? क्या 21 जनवरी से पहले सरकार शराबबंदी कानून के कतिपय तालिबानी प्रावधानों को वापस लेने की घोषणा करेगी?