हिमांशु शेखर.रांची.झारखंड की मुख्य सचिव राजबाला वर्मा ने कहा कि झारखंड में महिलाओं को सशक्त एवं स्वावलंबी बनाने के लिए दो हजार महिलाओं को ऑटो परिचालन का प्रशिक्षण दिया जायेगा।प्रशिक्षण के बाद इन महिलाओं को लाइसेंस के साथ साथ मुद्रा योजना के तहत आजीविका उपार्जन के लिए सरकार ऋण भी उपलब्ध करायेगी।
मुख्य सचिव झारखण्ड आदिवासी सशक्तिकरण एवं आजीविका परियोजना एवं पैन आईआईटी की संयुक्त बैठक की अध्यक्षता कर रही थीं। उन्होंने निर्देश दिया कि आदिम जनजातियों के समूह को विभिन्न कन्वर्जन वाली योजनाओं का लाभ दिया जाए। विभागीय स्तर पर पहाड़िया, बिरहोर जैसी आदिम जनजातियों की आर्थिक एवं सामाजिक स्तर का सर्वेक्षण होगा। आदिम जनजाति वाले क्षेत्रों में बिजली, पानी, आवास और आजीविका के साधन उपलब्ध कराने के लिये प्रस्ताव तैयार करने और हेल्थ कैंप लगाने के लिए कहा गया।
श्रीमती वर्मा ने कहा कि जेटीईपीएल (झारखण्ड आदिवासी सशक्तिकरण एवं आजीविका परियोजना) के तहत बेहतर कार्य हो रहा है, लेकिन इस परियोजना में ग्राम स्तर पर कार्य करने की जरूरत है। परियोजना के तहत पॉल्ट्री फार्मिंग, सूकर पालन, बकरी पालन के साथ साथ मसालों की खेती पर जोर दिया जाये तथा उन्हें बाजार उपलब्ध कराने की कार्ययोजना तैयार करें। उन्होंने सभी एसएचजी का व्यक्तिगत खाता खोलने का निदेश दिया।
बैठक में जानकारी दी गई कि झारखण्ड आदिवासी सशक्तिकरण एवं आजीविका परियोजना के तहत 14 जिलों में 635 करोड़ की योजना चल रही हैं और पॉल्ट्री फार्मिंग,सूकर पालन,बकरी पालन,न्यूट्रीशन गार्डनिंग के क्षेत्र में काफी प्रगति हुई है। अब तक 5500 एसएचजी बनायें गये हैं तथा जरेडा के माध्यम से 6000 सोलर लाईट तथा 492 पंप का वितरण किसानों और एसएचजी के बीच किया गया है। विभाग द्वारा संचालित 65 विद्यालयों को उत्क्रमित करने की योजना प्रक्रियाधीन है तथा नये गुरूकूल/आश्रम विद्यालयों के निर्माण के लिए 20 अनुमंडलों को चिन्ह्ति कर लिया गया है।