संवाददाता.रांची.रांची के आड्रे हाउस परिसर में राष्ट्रीय पुरातात्विक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी का उद्घाटन पर्यटन, कला संस्कृति, खेलकूद एवं युवा कार्य विभाग के मंत्री अमर कुमार बाउरी ने बतौर मुख्य अतिथि किया। संगोष्ठी में विशिष्ट अतिथि के रूप में विनोबा भावे विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ गुरदीप सिह, राष्ट्रीय संग्रहालय नई दिल्ली के महानिदेशक डॉ बीआर मणि खासतौर से मौजूद थे।
मंत्री श्री बाउरी ने झारखण्ड को पुरातत्व का एक गढ़ बताया।उन्होंने कहा कि अभी देश के पूर्वी इलाकों में अनेक क्षेत्रों में अन्वेषण की संभावनाएँ है,उन पर कार्य किया जाना है।अभी सफर की शुरूआत है और अभी हमें और आगे जाना है। इस कार्य को केस-स्टडी के तौर पर शामिल करने पर पुरातत्व एवं पुरातात्विकअध्ययन से जुड़े युवाओं को सही मार्गदर्शन मिल सकेगा।
हेरिटेज झारखण्ड के सचिव डॉ हरेन्द्र प्रसाद सिन्हा, सचिव, ने संगोष्ठी का परिचय देते हुए सभी सदस्यों से मिल कर इस कार्यक्रम को सफल बनाने का प्रस्ताव रखा। मौके पर दो पुस्तकों पुरातत्व एवं एब्सटैक्ट का विमोचन भी किया गया। इण्डियन ऑर्कियोलोजिकल सोसायटी के अध्यक्ष केएन दीक्षित, सोसायटी फॉर प्री-हिस्ट्री एण्ड क्वाटरनरी स्टडीज के प्रतिनिधि डॉ पीपी जोगलेकर। इण्डियन हिस्ट्री एण्ड कल्चर सोसायटी के प्रतिनिधि प्रो डीपी तिवारी एवं हेरिटेज झारखण्ड के अध्यक्ष डॉ एचएस पाण्डेय ने भी संगोष्ठी में अपने विचार रखे।