निशिकांत सिंह.पटना. सिख के दसवें धर्म-गुरू गोविंद सिंह जी के 350वीं जयंती पर आयोजित भव्य प्रकाशोत्सव के अवसर पर कला, संस्कृति एवं युवा विभाग के द्वारा श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल पटना में आयोजित मुख्य सांस्कृतिक कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए विभाग के मंत्री शिवचंद्र राम ने कहा कि ये हमारे लिए गर्व की बात है कि हम 350वें प्रकाश पर्व को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मना रहे हैं. उन्होंने कहा कि बिहार की संस्कृति अतिथि देवो भव: की रही है और यह हर बिहारी के लिए सम्मान की भी बात है. गुरू गोविंद सिंह ने हमें एक उन्नत इतिहास दिया, जिसकी बदौलत आज दुनिया भर के लोग बिहार आ रहे हैं.
मंत्री ने कहा कि गुरू गोविंद सिंह जी के 350वें प्रकाशोत्सव पर देश – विदेश से आ रहे लोगों का कला, संस्कृति एवं युवा विभाग, बिहार स्वागत करती है और उनके लिए एक विशेष सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन भी किया है। बिहार की सांस्कृतिक परंपरा काफी उन्नत रही है, इसी को ध्यान में रखते हुए हमने इस समारोह में गुरू गोविंद सिंह जी महाराज के विचारों को संगीत के माध्यम से लोगों तक ले जाने का प्रयास कर रहे हैं। हमारी कोशिश है कि संगीत के बहाने गुरू गोविंद सिंह जी विचारों को आम जन – मानस के बीच ला सकें। गुरू गोविंद सिंह के विचार काफी उन्नत हैं। उन्होंने समतामूलक समाज की ना सिर्फ परिकल्पना की, बल्कि इसके लिए बिना किसी परवाह के कुर्बानी भी। ताकि समाज में समरसता बनी रह सके।
पंडित रघुवीर मलिक (ध्रुपद), संगीत पाठक (पखावज), बीबी अशुप्रीत कौर (ख्याल – गुरूबानी संगीत), अशुतोष उपाध्याय (पखावज), डॉ अलंकार सिंह (ख्याल – गुरूबानी संगीत), वैदुषी ज्योति हेगडे (रूद्र वीणा), भाई बलदीप सिंह (जारो सोलो), पंडित राम कुमार मलिक (ध्रुपद), भाई बलबीर सिंह (ख्याल – गुरूबानी संगीत), भाई बलदीप सिंह (काव्य पाठ), राजेंद्र गंगानी (कत्थक), पंडित यशपाल (ख्याल), मोहन श्याम शर्मा (पखावज), जगत नारायण पाठक (ध्रुपद), निहाल सिंह (तबला), इंदर कुमार मिश्रा (ध्रुपद) और पंडित अनिल चौधरी (पखावज) ने ‘रैनसुबाई – अस्त से उडी’ के अतंर्गत अपनी प्रस्तुति से लोगों को झूमने पर मजबूर कर दिया। पूरा श्री कृष्ण मेमोरियल हॉल गुरूबानी से ओत प्रोत हो गया।
कार्यक्रम में कला, संस्कृति एवं युवा विभाग, बिहार के अपर सचिव आनंद कुमार, उप सचिव ताराचंद वियोगी, बिहार संगीत नाटक अकादमी के अध्यक्ष आलोक धन्वा, बिहार ललित कला अकादमी के अध्यक्ष आनंदी प्रसाद बादल, अतुल वर्मा, संजय कुमार, राजकुमार झा, अरविंद महाजन, विभा सिन्हा मौजूद थे. मंच संचालन सोमा चक्रबर्ती ने किया.