संवाददाता.पटना.बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव राज्यवासियों को स्वच्छता का संदेश देते हुए कहा कि हम सब बिहार के गौरवमयी इतिहास और संस्कृति पर गर्व करते हैं।पूरा देश हमारी प्रतिभा का लोहा मानता है लेकिन हम बिहारवासियों ने एक विशेष दृष्टि से सबकों निराश किया है। और वह पहलू है हमारी साफ सफाई और स्वच्छता बनाए रखने के प्रति नकारात्मकता। स्वच्छ, सुंदर और व्यवस्थित वातावरण में ही ईश्वर का निवास होता है। मन और चित्त शांत व प्रसन्न रहता है। उत्पादकता में वृद्धि होती है। बिहार, बौद्ध और जैन, दो प्रमुख धर्मों काजन्मस्थान है। गया को पिंड दान के लिए पवित्र माना गया है। गुरु गोविन्द सिंह के जन्मस्थान पटना साहिब के नाते सिक्खों के लिए भी महत्वपूर्ण है। फुलवारी शरीफ़ मुस्लिम भाइयों के लिए पवित्र है। बौद्ध गया, राजगीर, पावापुरी के अलावे कई रमणीक पर्यटन स्थल हैं जिनकी ओर बिहार देश विदेश भर के पर्यटक, तीर्थर्थियों और धर्मावलम्बियों को अपनी ओर आकर्षित करके आय कर सकता है। पर यह तभी सम्भव है जब बिहार सरकार को बिहारवासियों की ओर से सफाई व स्वच्छता के सन्दर्भ में अपेक्षित सहयोग मिले।
पूरे विश्व में फैले सिक्ख समुदाय के लोग प्रकाशोत्सव का आयोजन कर रहे हैं। सिक्खों के दसवें गुरु श्री गोविन्द सिंह जी महाराज के जन्मस्थान पटना साहिब के बिहार में होने के नाते सभी बिहारवासियों का यह कर्तव्य है कि सिक्ख भाइयों का बिहार में उनका अनुभव आनंदमयी और सुविधाजनक हो। सभी साध-संगत एवं श्रद्धालुओं से मित्रतापूर्वक व्यवहार करें, उन्हें अपने गृह राज्य जैसा अहसास दिलाएं। बिहार सरकार इसके लिए भरसक प्रयत्न कर रही है। पर बिहारवासी भी इसमें अपना योगदान दें।उन्होंने अपील की कि सफ़ाई और स्वच्छता को अपनी संस्कृति का हिस्सा बनाएँ ताकि आने वाले मेहमान बिहार की एक अच्छी, साफ सुथरी छवि सकारात्मक अनुभव के साथ दुनिया के कोने कोने में ले जाएँ।
उन्होंने ध्यान दिलाया कि हम अपने घर को तो बहुत साफ सुथरा रखते हैं, लेकिन सावर्जनिक स्थलो, गली, मोहल्लों, सरकारी भवनों एवं संरचनाओ जैसे पुल-पुलियाँ और सड़कों को घर जैसा नहीं समझते हैं? अपने राज्य की सार्वजनिक सम्पत्ति को अपना हिस्सा नहीं समझते हैं?कोई भी राज्य अगर स्वच्छ व सुंदर होता है तो उसका बराबर बराबर श्रेय स्थानीय जनता, प्रशासन और सरकार को जाता है।