हिमांशु शेखर.रांची.मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि राज्य के समग्र विकास और समाज के अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति को समृद्ध बनाने के लिए कार्य संस्कृति में बदलाव लाना बेहद जरूरी है फिर मंत्रीगण हों या नौकरशाह। राज्य की जनता तेजी से विकास की पक्षधर है। इसमें सिविल सोसाईटी को भी महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी क्योंकि नौकरशाह के बल पर विकास को गति देने की बात मिथ्या है। राज्य में राजनीतिक अस्थिरता की वजह से 14 वर्ष गुजर जाने सरकार में पूर्ण विकास तीव्रता से हो इसके लिए राज्यहित के मुददों पर एक सहमति बनना जरूरी है। उपरोक्त बातें मुख्यमंत्री ने सोमवार को प्रोजेक्ट भवन स्थित नये सभागार में 20 सूत्री की पहली राज्य स्तरीय बैठक में कही।
बैठक के दौरान मुख्यमंत्री श्री दास ने न्यूनतम मजदूरी नहीं मिलने की शिकायत पर निदेश दिया कि बैंक खाते में सीधे मजदूरी की राशि दी जाये, इसके लिए 15 दिनों में सभी के खाते बैंक में खोले जायें। सरकारी विभागों, कारपोरेट घरानों, बिल्डरों समेत अन्य निजी संस्थानों को पत्र जारी कर इसे सुनिश्चित किया जाना चाहिए।
बच्चों को छात्रवृत्ति मिलने में आ रही परेशानी पर उन्होंने आवेदन की अंतिम तिथि को बढ़ाने का निर्देश दिया। कार्मिक विभाग को सेल्फ एफिडेविट की व्यवस्था लागू करने की संभावना तलाशने के लिए कहा। कहा कि दिसंबर 2018 तक राज्य के हर घर को बिजली मिले, इसके लिए काम किया जा रहा है। मार्च 2017 तक हर गांव में बिजली पहुंचा दी जायेगी।
उन्होंने कहा कि 40-50 साल पहले की स्थिति और आज की स्थिति अलग-अलग है। आज की जरूरत के अनुसार नियमों को सरल बनाया जा रहा है। जरूरत पड़ेगी तो और भी कानूनों का सरलीकरण किया जायेगा। उन्होंने 20 सूत्री सदस्यों को भी कहा कि ऐसा कोई काम न करें कि आप पर भी उंगली उठे। पूर्वाग्रह से ग्रसित न रहें। बैठकों में नहीं आने वाले सदस्यों के स्थान पर नए सदस्यों को शामिल किया जाएगा। बैठकों में नहीं आने वाले पदाधिकारियों के विरूद्ध भी कार्रवाई की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि समस्याएं हैं लेकिन उनका समाधान धीरे-धीरे होगा। सभी को राज्यहित में आगे आना होगा। राजनीतिक दलों को भी विकास के मुद्दे पर साथ चलना चाहिए।बैठक में बीस सूत्री के उपाध्यक्ष राकेश प्रसाद, मंत्री, सांसद सहित 20सूत्री के सदस्यगण, मुख्य सचिव, अपर मुख्य सचिव, प्रधान सचिव, सचिवगण उपस्थित थे।