शराबबंदी से सड़क दुर्घटना में आई है कमी- चन्द्रिका राय

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निशिकांत सिंह.पटना.शराबबंदी से सड़क दुर्घटना में कमी आई है और बिहार में सड़क दुर्घटना का आँकड़ा देश की सड़क दुर्घटना से कम है.चन्द्रिका राय, मंत्री, परिवहन विभाग आज अरण्ये भवन के सभागार में आयोजित कार्यशाला में बोल रहे थे.

उन्होंने कहा कि सड़क दुर्घटना के विषय में थोड़ी सी पूर्व से जानकारी थी लेकिन जब मंत्री बना एक वर्ष पहले तो सड़क दुर्घटना की रिपोर्ट से मुझे पता चला कि कितनी आर्थिक एवं मानव क्षति होती है. इसका समाधान खोजने के लिए परिवहन विभाग ने इस कार्यशाला का आयोजन किया है.मंत्री ने बताया कि यातायात के नियमों के अनुपालन से सड़क दुर्घटना की दर में कमी आयेगी. इस आशय के कई दिशा निर्देश सर्वोच्च न्यायालय ने भी दी है. इसके लिए लोगों को शिक्षित करना, उन्हें वेल्ट लगाने और आगे से सचेत रहने के लिए संवेदनशील बनाने की जरूरत है. गाड़ी चलाते समय मोबाईल फोन का इस्तेमाल भी लोग कर रहे हैं, इसे सख्ती से बंद कराना होगा.

उन्होने बताया कि राज्य सरकार द्वारा सड़क सुरक्षा के लिए अलग से बजट की व्यवस्था की गई है.ब्लैक स्थान को चिह्नित किया गया है. दुर्घटना होने पर लोगों को ट्रामा सेन्टर पहुंचाने तथा आमजन को भयमुक्त करने की जरूरत है. इसके लिए नेटवर्क बनाया जा रहा है. नेशनल हाईवे तथा स्टेट हाईवे के लिए परिवहन विभाग नेटवर्क तैयार किया है. डिविजन लेवल पर ट्राँमा सेन्टर बनाने का निदेश है.

श्री राय ने परिवहन विभाग के कार्यक्रमों की चर्चा करते हुए कहा कि वर्ष 2020 तक सड़क दुर्घटना में 50 प्रतिशत की कमी लाने का टारगेट निर्धारित किया गया है. अधिकारियों की कमी से कुछ काम में दिक्कतें आ रही है उसे दूर किया जा रहा है. उन्होंने एक प्रश्न के उत्तर में पत्रकारों को बताया कि सड़क दुर्घटनाओं में प्रायः युवा ज्यादा शिकार हो रहे हैं. सड़क दुर्घटना में देश में बिहार का प्रतिशत 3.1 है. दक्षिण के राज्यों में दुर्घटनाओं का प्रतिशत अधिक है.बिहार में भी सड़कों का जाल फैल रहा है अतः जरूरत है कि अच्छी सड़कों के निर्माण के साथ जनमानस को सड़क-सुरक्षा के प्रति जाबावदेही पूर्वक एजुकेट किया जाए.

कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए सुधीर कुमार, परामर्शी, पथ निर्माण विभाग ने कहा कि वर्ष 2004-05 में रेलवे सुरक्षा बजट के लिए 12,000 करोड़ रखा गया था जो वर्तमान में 25,000 करोड़ होना चाहिए. जबकि वर्तमान में 3000 करोड़ के करीब सुरक्षा पर खर्च किए जा रहे हैं. उन्होंने सड़क संकेत (रोड सिंग्नल) की मार्किंग दो माह के अन्दर हो जाने की बात कही है, जो सड़क सुरक्षा के लिए उपयोगी होगा. उन्होंने शराबबंदी से 70 प्रतिशत सड़क सुरक्षा होने की बात कही और ड्राईवर के आँखों की नियमित जाँच कराने की बात कार्यशाला में रखी.

परिवहन विभाग के सचिव पंकज कुमार ने कहा कि एक-दो किलोमीटर पथ निर्माण में ढ़ाई करोड़ व्यय होते हैं, जिसमें सड़क संकेत के लिए मात्र पांच लाख रुपये व्यय आयेगा जो अब तत्परतापूर्वक किया जा रहा है. विभाग दुर्घटना रहित पथ निर्माण करने के लिए कदम उठा रहा है. सड़क परिवहन राजमार्ग मंत्रालय भारत सरकार के निदेशक प्रियंक भारती ने भारत सरकार के द्वारा नये नीतियों के निर्माण की विस्तृत रूप से चर्चा की और शीघ्र लागू होने की बात कही.गृह रक्षा वाहिनी के महानिदेशक पीएन राय ने अपने उद्घोषणा में लाईसेंस प्रणाली के निर्गम में कठोरता लाने की बात कही. यातायात सुरक्षा के अन्य विशेषज्ञों ने भी कार्यशाला में अपने उद्गार व्यक्त किये.

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