संवाददाता.रांची.मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि शांति और विकास एक दूसरे के पूरक हैं. जहां शांति होगी, वहां विकास होगा और जहां विकास होगा, वही शांति होगी. इसे बनाये रखने में हमारे सुरक्षाबलों की सहभागिता काफी अहम है. समाज में अशांति फैलानेवाले आपराधिक संगठन, माओवादी संगठन आदि के आर्थिक स्रोत को तोड़ना जरूरी है. हमें राज्य से उग्रवाद को समूल नष्ट करना है. उन्होंने कहा कि झारखंड सरकार उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में विकास पर विशेष जोर दे रही है. इन क्षेत्रों के युवाओं को सहायक पुलिस के रूप में नियुक्त किया जायेगा. इन्हें 10 हजार रुपये मासिक दिया जायेगा. तीन साल बाद इनकी पुलिस में भरती की योजना है.
मुख्यमंत्री रघुवर दास आज सीआरपीएफ कैंप परिसर में आयोजित माओवाद प्रभावित क्षेत्रों के अंतर्राज्यीय अभियान व समन्वय कार्यशाला के उदघाटन के बाद लोगों को संबोधित कर रहे थे.मुख्यमंत्री ने कहा कि उग्रवाद को समूल नष्ट करने के लिए संवाद और समन्वय दोनों जरूरी है. समय-समय पर पड़ोसी राज्यों से संवाद करते रहने से उग्रवादियों व आपराधित तत्वों के मूवमेंट की जानकारी मिलती रहेगी. समय से सूचना मिलना सबसे जरूरी है. राजे-रजवाड़े के समय से हमारे यहां गुप्तचर व्यवस्था रही है. हमें भी अपनी गुप्तचर व्यवस्था को और मजबूत बनाना होगा. सुरक्षा बल आम लोगों से भी संवाद और समन्वय बनाये रखें.उन्होंने कहा कि नोटबंदी के बाद से आंतकवादियों व उग्रवादियों दोनों घटनाओं में कमी आयी है. कश्मीर में हमारे बच्चों के हाथ में पत्थर थमाकर अशांति फैलानेवालों की कमर टूटी है.
केंद्रीय गृह मंत्रालय के वरिष्ठ सुरक्षा सलाहकार के0 विजय कुमार ने कहा कि झारखंड सरकार से काफी सहयोग मिलने के कारण ही आज राज्य में नक्सल घटनाओं में भारी कमी आयी है. सही दिशा में कार्रवाई चल रही है. राज्य की सरेंडर पॉलिसी भी काफी अच्छी होने के कारण बड़ी संख्या में उग्रवादी आत्म समर्पण कर रहे हैं. उन्होंने सुरक्षा बलों से स्थानीय लोगों से घुल मिल कर रहने की सलाह दी. उन्होंने कहा कि स्थानीय परंपराओं का सम्मान करें और उनमें शामिल हों.
इस तीन दिवसीय कार्यशाला में 10 राज्यों के पुलिस प्रतिनिधि, चार सशस्त्र बलों के प्रतिनिधि शामिल हुए हैं.कार्यक्रम में सीआरपीएफ के महानिदेशक के दुर्गा प्रसाद, झारखंड के डीजीपी डीके पांडेय, सीआरपीएफ के एडीजी सुदीप लखटकिया समेत वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे.