हिमांशु शेखर.रांची.रांची विश्वविद्यालयों के पीजी विभाग सहित 18 कॉलेजों में हुए छात्र संघ चुनाव में जहां एनएसयूआई गठबंधन का पूरी तरह से सफाया हो गया है वहीं कुल 90 में से 43 सीटों पर जीत हासिल कर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने अपनी बादशाहत कायम रखी.
इस चुनाव में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद को और अधिक सीटें हासिल हो सकती थीं लेकिन आदिवासी छात्र संघ उसके रास्तें में रोड़ा बन आश्चर्यजनक रूप से खड़ा हो गया. इस वजह से परिषद को 43 सीटों पर ही संतोष करना पड़ा. आदिवासी छात्र संघ के सुशील गुट को अप्रत्याशित रूप से 14 और सतीश भगत गुट को 16 सीटें हासिल हुई. छात्र संघ चुनाव पर पैनी नजर रखने वाले चुनावी विश्लेषक भी आदिवासी छात्र संघ की ऐसी जीत को आने वाले समय में राज्य की राजनीति में बहनेवाली नयी धारा के रूप में देख रहे हैं. चुनाव से पूर्व अधिकतर लोग आदिवासी छात्र संघ को कमतर आंक रहे थे. आदिवासी छात्र संघ के जोरदार प्रदर्शन का खमियाजा एनएसयूआई गठबंधन को भी भुगतना पड़ा है. एनएसयूआई गठबंधन में आमसा, झारखंड छात्र विकास मोर्चा और झारखंड छात्र संघ शामिल थे. लेकिन इस गठबंधन का खाता तक नहीं खुल सका. चुनाव में अन्य वामपंथी संगठनों को भी दिन में तारे नजर आ रहे हैं. इन संगठनों का भी खाता नहीं खुल सका.
छात्र संघ चुनाव में आजसू को आठ, जेसीएम को पांच और निर्दलीय प्रत्याशी को चार सीटें हासिल हुई. दूसरी ओर विश्वविद्यालय छात्र संघ स्तर पर छात्र प्रतिनिधियों के निर्वाचन के लिए विजयी प्रत्याशी तैयारी में जुट गये हैं. गौरतलब है कि सिदो-कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय दुमका, कोल्हान विश्वविद्यालय चाईबासा, नीलाम्बर पिताम्बर विश्विद्यालय मेदिनीनगर और विनोबा भावे विश्वविद्यालय हजारीबाग में हुए छात्र संघ चुनाव में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद सफलता के झंडे बुलंद कर चुकी है और रांची विश्वविद्यालय उसके लिए आखिरी किला था जिसे भी वह फतह कर चुकी है. सफलता से गदगद अभाविप की ओर से रांची में विजयी जुलूस का भी आयोजन किया गया. जुलूस में परिषद के पदधारी, सदस्य, विजयी प्रत्याशी और विद्यार्थी शामिल हुए.