संवाददाता.रांची. रांची में आयोजित आक्टेव-पूर्वोत्तर मेला में आठ राज्यों के कलाकार अपने राज्यों के कला, शिल्प और पारंपरिक व्यंजन का प्रदर्शन करेंगें. मोरहाबादी मैदान में पांच दिवसीय आक्टेव-पूर्वोत्तर मेला रविवार 4 दिसंबर से 8 दिसंबर 2016 तक आयोजित किया गया है. इस मेला में पूर्वोत्तर राज्य के आठ राज्यों के 600 से भी अधिक कलाकार अपने अपने राज्यों के कला संस्कृति का प्रदर्शन करेंगे.
मेला आरंभ होने के पूर्व संध्या के अवसर पर आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कला संस्कृति विभाग के निदेशक अशोक कुमार सिंह ने कहा कि आक्टेव- पूर्वोत्तर मेला का उद्देश्य भारत की सांस्कृतिक परंपराओं तथा धरोहर का प्रदर्शन करना साथ ही पूर्वोत्तर भारत के संग शेष भारत के साथ संवाद स्थापित करना है. उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर राज्य की कला हमारी कला से काफी मिलती जुलती है और झारखण्ड उन कलाओं के प्रदर्शन के लिए एक मंच देने का प्रयास कर रही है. इस मेला में न सिर्फ कला का प्रदर्शन किया जायेगा बल्कि सभी राज्यों के कलाकार एक दूसरे से अपनी कला संस्कृति की बारिकियों का आदान प्रदान भी करेंगे. उन्होंने कहा कि झारखण्ड अपनी कला के साथ देश के अन्य राज्यों के कला का सम्मान करते हुए इस मंच के माध्यम से एक भारत, अखण्ड भारत, समृद्ध भारत का निर्माण करना चाहती है.
पूर्व क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र के निदेशक डॉ ओम प्रकाश भारती ने कहा कि इस पूर्वोत्तर मेला में अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैण्ड, सिक्किम और त्रिपुरा के कलाकार शिल्प, चित्रकला और पारंपरिक व्यंजन का प्रतिदिन प्रदर्शन करेंगे. आक्टेव- पूर्वोत्तर मेला में कला के साथ सभी राज्यों के हस्तशिल्प का प्रदर्शन भी किया जायेगा. आक्टेव- पूर्वोत्तर मेला प्रतिदिन प्रातः11 बजे से रात्रि 9.00 बजे तक दर्शकों के लिए निःशुल्क खुला रहेगा. वहीं प्रतिदिन संध्या 4.00 बजे से 8.00 बजे रात्रि तक सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित की जायेगी. संवाददाता सम्मेलन के बाद मणिपुर, मिजोरम और सिक्किम के कलाकारों ने नृत्य भी प्रस्तुत किये.