केंद्र सरकार कौशल विकास के नाम पर कर रही है फर्जीवाड़ा- जदयू

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संवाददाता.पटना.जदयू ने केन्द्र सरकार पर बिहार के साथ भेदभाव का आरोप लगाते हुए कहा कि कौशल विकास के लिए एक ओर छत्तीसगढ को 656,मध्य प्रदेश को 483,महाराष्ट्र को 378 और हरियाणा को 241 प्रशिक्षण केन्द्र दिए गए जबकि बिहार में 135 केंद्र खोलने का फैसला भेदभाव को दर्शाता है.

संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में जदयू के मुख्य प्रवक्ता संजय सिंह व प्रवक्ता नीरज कुमार ने यह आरोप लगाते हुए कहा कि प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत केंद्र सरकार प्रति छात्र-छात्राओं पर 28 रुपए 90 पैसे प्रति घंटा कौशल विकास पर खर्च करने का दावा करती है जबकि राज्य सरकार प्रति छात्र छात्राओं पर 34 रुपए 70 पैसे प्रति घंटा खर्च कर रही है.केंद्र सरकार प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत 40 छात्र-छात्राओं को समूह में प्रशिक्षित करने की बात कहती है जबकि सच्चाई यह है कि उदाहरण स्वरुप हाजीपुर में एक साथ 3 हजार छात्र-छात्राओं का दाखिला कौशल विकास योजना के लिए किया गया है. जबकि उस संस्थान की आधारभूत संरचना के तहत 700 छात्र-छात्रा पहले से अध्ययन कर रहे हैं. ऐसे हालात में यह कहना सही होगा कि कौशल विकास के नाम पर केवल डिग्री बांटने का काम किया जा रहा है.

जदयू प्रवक्ताओं ने यह भी आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने कौशल विकास योजना में युवाओं को रोजगार मिलने का वादा किया जबकि सच यह है कि योजना के क्रियांन्वयन के लिए न तो आधारभूत संरचना तैयार की गई और न ही निबंधन और प्रशिक्षण के लिए कर्मियों की नियुक्ति की गई.केंद्र सरकार ने कौशल विकास योजना का आउट सोर्सिंग किया है जबकि राज्य सरकार ने सरकारी तंत्र को इस मिशन की निगरानी के लिए सरकारी कर्मियों की जिम्मेवारी सुनिश्चित की है.   इससे  यह स्पष्ट होता है कि केंद्र सरकार कौशल विकास और युवाओं के नाम पर केवल फर्जीवाड़ा कर रही है. जबकि राज्य सरकार विधानसभा चुनाव 2015 के बाद कम समय में माकुल व्यवस्था कर कौशल युवा विकास योजना को साकार करने की दिशा में चल पड़ी है.

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का निश्चय यात्रा लोकतंत्र में राज्य की जनता का जनादेश, नेतृत्व का संकल्प एवं युवाओं व गांवों के विकास समेत शराबबंदी जैसे महत्वपूर्ण सामाजिक मौन क्रांति का अग्रदूत बनकर उभर रहा है.और स्वाभाविक रुप से जनता की अदालत में हार चुकी भाजपा बेचैनी में अपने चेहरे को नहीं देख युवाओं के प्रतिभा संबर्धन, मानव जीवन से जुड़ा हुआ यथा गली नली का पक्कीकरण, पेयजल, विद्युत, शराबबंदी, लोकसेवा कानून की प्रक्रिया की समीक्षा के लिए निर्धारित निश्चय यात्रा से बेचैन है.

 

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