संवाददाता.पटना.प्रशासन की विफलता के कारण मधेपुरा के बिहारीगंगज एवं भोजपुर के पीरो के अलावा मोतिहारी, सीतामढ़ी, गोपालगंज, औरंगाबाद, गया, दरभंगा व मुजफ्फरपुर के साहेबगंज सहित सूबे के एक दर्जन से अधिक स्थानों पर दुर्गा प्रतिमा विसर्जन व मुहर्रम के पहलाम के दौरान तनाव की स्थिति उत्पन्न हुई. एकपक्षीय कार्रवाई से लोगों में आक्रोश भड़का और प्रशासन समय पर स्थिति को नियंत्रित करने में पूरी तरह से नाकाम रहा.यह आरोप लगाते हुए पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने मुख्यमंत्री से सवाल किया कि एनडीए के शासन काल में पूरे प्रदेश में जो सदभाव और सौहार्द्र का माहौल कायम हुआ था, वह इस साल अनेक स्थानों पर तार-तार क्यों हो गया?
सुशील मोदी ने बताया कि भोजपुर के पीरो में कई दिनों से तनाव की स्थिति रही, मगर प्रशासन समय पर कोई कार्रवाई नहीं कर पाया. पाकिस्तान जिन्दाबाद के नारे लगाने वालों के खिलाफ कार्रवाई नहीं किए जाने की वजह से उपद्रवी तत्वों का मनोबल बढ़ा. दुर्गा पूजा के दौरान उत्पात करने वाले असामाजिक तत्वों को गिरफ्तार कर छोड़ देने के कारण ही आम लोगों का आक्रोश भड़का है. इसी प्रकार मधेपुरा के बिहारीगंज में प्रशासनिक अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध रही. उन्होंने मांग की कि तनाव रोकने में विफल रहे मधेपुरा के डीएम और एसपी को सरकार अविलम्ब हटायें और वहां के एसडीपीओ रहमत अली को निलम्बित करें.
मोदी ने आरोप लगाया कि प्रदेश के अनेक स्थानों पर असामाजिक तत्वों के प्रति प्रशासन की उदासीनता या एकपक्षीय कार्रवाई की वजह से स्थिति तनावपूर्ण बनी. उपद्रवी तत्वों के खिलाफ समय पर कार्रवाई करने में सरकार और प्रशासन के विफल रहने के कारण राज्य के अनेक हिस्सों में हिंसा की स्थिति पैदा हुई. राज्य में उत्पन्न साम्प्रदायिक तनाव के लिए राज्य सरकार पूरी तरह से जिम्मेवार है.