संवाददाता.पटना. जन अधिकार पार्टी (लो) के संरक्षक और सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने कहा है कि देश को धार्मिक उन्माद और गृहयुद्ध की ओर धकेला जा रहा है.यह कार्रवाई सोची-समझी साजिश के तहत की जा रही है. इसमें राजनेताओं का हाथ है.
पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि धार्मिक उन्माद फैलाने और सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश पर्व-त्योहार और चुनाव के दौरान ही की जाती है. बिहार में सुशील मोदी, गिरिराज सिंह जैसे नेता और बजरंग दल जैसे संगठन धार्मिक उन्माद फैलाने की चेष्टा कर रहे हैं. इन जैसे नेताओं और संगठनों को जंगल में भेज देना चाहिए.सांसद ने आरोप लगाया कि सुशील मोदी व गिरिराज सिंह जैसे नेताओं के कारण ही बिहारीगंज, रक्सौल, पूर्णिया और पीरो में धार्मिक उन्माद व अशांति की स्थिति पैदा हुई.
सांसद श्री यादव ने कहा कि चार दिनों से बिहारीगंज जल रहा था. जब समाज बिखरने लगा तो दोनों छोटे व बड़े भाइयों की नींद टूटी. दोनों भाई कुंभकरण हो गए हैं और इनसे सरकार नहीं चल सकती है.उन्होंने भाजपा से पूछा कि मुस्लिम पर्सनल लॉ का मुद्दा चुनाव के समय ही क्यों उठाया जा रहा है. इसकी आड़ में मुस्लिम महिलाओं के सशक्तीकरण की बात कही जा रही है. सच्चर कमेटी के तहत मुस्लिम महिलाओं के सशक्तीकरण की कई सिफारिशें की गयी हैं, उसके संदर्भ में कोई कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है. श्री यादव ने कहा कि मुस्लिम पर्सनल लॉ का मुद्दा उत्तर प्रदेश के चुनाव के कारण उठाया जा रहा है, ताकि इसका राजनीतिक लाभ लिया जा सके.
उन्होंने कहा कि वोट के लिए धार्मिक उन्माद फैलाने की कोशिश की जन अधिकार पार्टी (लो) निंदा करती है. देश की सांस्कृतिक विविधता का सम्मान जरूरी है. जन अधिकार पार्टी धार्मिक, सांस्कृतिक, भाषाई आजादी के पक्ष में है. उन्होंने कहा कि किसी पार्टी या सरकार को ऐसा कोई काम नहीं करना चाहिए, जिससे धार्मिक उन्माद और समाज में अशांति फैले. धार्मिक उम्माद को रोकने के लिए सरकार को कारगर और प्रभावी पहल करनी चाहिए. पत्रकार वार्ता में पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव प्रेमचंद सिंह और राजेश रंजन पप्पू भी मौजूद थे.