संवाददाता.पटना.शहाबुद्दीन की पत्नी पर दिए अपने बयान पर सुशील मोदी कायम है.उन्होंने जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार द्वारा भेजे गए कोर्ट नोटिस का जबाब देते हुए कहा कि मैं अपने बयान पर कायम हूं.उससे पीछे हटने वाला नहीं हूं.
भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार शहाबुद्दीन की पत्नी को जदयू में शामिल करवाकर उन्हें टिकट देना चाहते थे जिसे लेकर पार्टी ने उसपर नाराजगी जताई थी.जदयू के प्रदेश प्रवक्ता नीरज कुमार ने सुशील मोदी को बयान वापस लेने की मांग करते हुए कानूनी नोटिस भेजने की चेतावनी दी थी. जब सुशील मोदी ने अपना बयान वापस लेने से इंकार कर दिया तो नीरज कुमार ने उन्हें कानूनी नोटिस भेज दी.
जदयू प्रवक्ता के मानहानी के मुकदमें के लिए भेजे गए कानूनी नोटिस का जबाब देते हुए पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी के अधिवक्ता अक्षय अमृतांशु ने कहा है कि उनके मुवक्किल अपने बयान पर कायम है कि नीतीश कुमार मो. शहाबुद्दीन की पत्नी को जदयू में शामिल करा कर चुनाव में टिकट देना चाहते थे. शहाबुद्दीन को बेल दिलाने में राज्य सरकार ने जिस तरह से मदद की और कोर्ट के समक्ष तथ्यों को रखने में कोताही बरती उससे भी उनका आरोप प्रमाणित होता है.
सुशील मोदी की ओर से कहा गया कि शहाबुद्दीन की तरह ही सरकार ने नाबालिक से बलात्कार के आरोपी राजद के विधायक राजबल्लभ यादव की बेल का विरोध नहीं किया जिसकी वजह से उसे भी हाईकोर्ट से बेल मिल गई. हमारे मुवक्किल के दबाव का ही नतीजा रहा कि सरकार इन दोनों की बेल को खारिज कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट में जाने के लिए विवश होना पड़ा. नोटिस के जबाब में कहा गया है कि जदयू को कभी भी आपराधिक पृष्ठभूमि के लोगों से कोई परहेज नहीं रहा है. एक दबंग और बाहुबली छवि के व्यक्ति को बार –बार टिकट देकर चुनाव लड़ाया गया और बाद में गठबंधन के नेता के दबाव पर पार्टी से निलंबित किया गया. सरकार की खामियों को उजागर करना हमारे मुवक्किल का नैतिक दायित्व है और वे किसी भी प्रकार के मुकदमें की धमकी से डरने वाले नहीं है. अगर मुकदमा होता है तो माकूल जवाब दिया जाएगा.