निशिकांत सिंह.पटना.परीक्षा के बाद कॉपियों की हेराफेरी को रोकने के लिए बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने अब डिजिटल मार्किंग सिस्टम से कॉपियों का मुल्यांकन का फैसला लिया है. शिक्षक अब कंप्यूटर स्क्रीन पर स्कैन की हुई कॉपी जांच करेंगे और मार्क्स देंगे. जबकि मूल कॉपी स्ट्रांग रूम में ही रहेगी.
अगले महिने होनेवाले कम्पार्टमेंटल परीक्षा से ही बोर्ड ने इसे लागू करने का फैसला लिया है. शिक्षक अब कम्यूटर स्क्रीन पर स्कैन की हुई कॉपी जांच करेंगे और मार्क्स देंगे, जबकि मूल कॉपी स्ट्रांग रूम में ही रहेगी.
अगले महीने होनेवाले कम्पार्टमेंटल परीक्षा से ही बोर्ड ने इसे लागू करने का फैसला लिया है. कंपार्टमेंटल में लगभग 67 लाख छात्र भाग लेंगे. इसके बाद इसे अगले साल होनेवाली मैट्रिक व इंटर की वार्षिक परीक्षा में लागू किया जाएगा. बोर्ड अध्यक्ष आनंद किशोर ने बताया कि इस व्यवस्था के लागू होने से कई फायदे होंगे. एक तो कॉपियों का मुवमेंट नहीं होगा, जिससे गड़बड़ी नहीं होगी. इस बार कॉपियों की हेरफेरी के अलावा कई कॉपियों की हैण्डराइटिंग भी अलग पाई गई. पैसा लेकर पास कराने के लिए यह पूरा खेल किया गया था. अध्यक्ष ने कहा कि इस व्यवस्था के लागू होने के बाद इसपर लगाम लगेगा.
परीक्षा के बाद जिले की कॉपियां वहीं स्ट्रांग रूम में बंद रहेंगी. स्ट्रांग रूम में लगे हाईस्पीड स्कैनर से कॉपी स्कैन होगी, फिर कॉपियां सर्वर में डाली जाएंगी जिसे एजुकेशन सेंटर पर शिक्षक लॉगिन कर खोलेंगे. और कॉपी जांची जाएगी. ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों में यह व्यवस्था रहेगी.