पढाई के आड़े नहीं आएगी आर्थिक स्थिति,गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए सभी सुविधाएं-रघुवर दास

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press_release_24140_02-09-2016

संवाददाता.रांची.मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि आर्थिक स्थिति किसी भी मेधावी छात्र की पढ़ाई के आड़े नहीं आएगी. सरकार उसे भरपूर मदद करेगी. हमारे सरकारी स्कूल भी ऐसे होंगे, जो निजी स्कूलों को टक्कर दे सकेंगे. बच्चों को अच्छी और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले इसके लिए आधारभूत संरचना तैयार की जा रही है. बच्चों को नौंवी कक्षा से ही कौशल विकास की शिक्षा दी जायेगी. 15 नवंबर तक राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में बच्चे बेंच-डेस्क पर पढ़ाई करेंगे. लाइब्रेरी और लैब जैसी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध करायी जायेगी.

उन्होंने कहा कि जैक राज्य में शिक्षा के स्तर को ऊंचा उठाने का काम कर रहा है. इसे हमें ऐसे मुकाम तक ले जाना है कि पूरे देश के लिए यह मिशाल बने.  वे आज झारखंड अधिविद्य परिषद जैक के स्थापना दिवस सह सम्मान समारोह में मेधावी छात्रों को सम्मानित करने के बाद लोगों को संबोधित कर रहे थे. मुख्यमंत्री श्री दास ने कहा कि सरकार बनते ही पहली प्राथमिकता शिक्षा को दी. हमने उच्च शिक्षा के लिए अलग से विभाग बनाया. हमारे राज्य के बच्चों को उच्च शिक्षा के लिए दूसरे राज्यों में जाना पड़ता था. अब ऐसा नहीं होगा. अमेटी ने रांची मे अपना सत्र शुरू कर दिया है. आनेवाले समय में चार और निजी विश्वविद्यालय यहां कक्षा शुरू करेंगे. पांच मेडिकल कॉलेज खोले जा रहे हैं. अब हमारे बच्चों को पढ़ाई के लिए अपने घर से दूर दूसरे राज्यों में नहीं रहना होगा.

उन्होंने कहा कि इसके साथ रोजगार के भी काफी अवसर पैदा हो रहे हैं. उन्हें काम के लिए भी कहीं और जाने की जरूरत नहीं होगी. एम0बी0बी0एस0 पूरा करने के बाद जो बच्ची अपने गांव में अस्पताल खोलेगी सरकार उसे मदद देगी. उन्होंने माता पिता से अपील की कि वे अपने बच्चों को स्कूल अवश्य भेजें. आज के ज्ञान आधारित युग में आगे बढ़ने के लिए पढ़ाई का कोई विकल्प नहीं है. उन्होंने स्कूल नहीं जानेवाले शिक्षकों को चेतावनी दी कि बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ करनेवालों के साथ सरकार सख्ती से पेश आयेगी. सरकार निजी स्कूलों से ज्यादा तनख्वाह देती है लेकिन फिर भी सरकारी स्कूलों में शिक्षा का स्तर ऊंचा नहीं उठ रहा है. कारण है कि कुछ शिक्षक खुद स्कूल न जाकर गांव के शिक्षित बेरोजगार लोगों को तीन-चार हजार रुपये देकर पढ़ाने भेज देते हैं. अब ऐसा नहीं चलेगा. सरकार ने आदेश दिया है कि हर सरकारी स्कूल में वहां के शिक्षक के आधारकार्ड की फोटो कॉपी चिपकायें. इससे बच्चे व अभिभावक जान पायेंगे कि स्कूल के शिक्षक कौन है. सही शिक्षक नहीं आने पर इसकी सूचना 181 पर देने की अपील करते हुए मुख्यमंत्री श्री दास ने कहा कि जिला शिक्षा अधीक्षक इस पर निगरानी रखे. ऐसा नहीं होने पर जिला शिक्षा अधीक्षक को नहीं बख्शा जायेगा. सरकार काम नहीं करनेवाले अधिकारियों को बर्दाश्त नहीं करेगी.

मुख्यमंत्री ने कहा कि राजनीति उनके लिए मिशन है. वे राज नहीं काज करने आये हैं. ईश्वर ने मौका दिया है तो काम ईमानगारी से पूरा करेंगें. अपना काम ईमानदारी से पूरा करना ही देश सेवा है. शिक्षक के हाथों में राष्ट्र का भविष्य है. जो भी महापुरुष बने हैं उनके जीवन में मां के बाद दूसरा स्थान गुरु का ही आता है. आज के समय में इसमें कुछ कमी आयी है. सरकार ने फैसला किया है कि पहली कक्षा से ही नैतिक शिक्षा दी जायेगी. हमारी परंपरा और संस्कृति की जानकारी आनेवाली पीढ़ी को मिले इसके लिए भी शिक्षा दी जायेगी. शारीरिक शिक्षा आज की जरूरत है. सरकार इसे भी आवश्यक करने जा रही है. प्राथमिक शिक्षा में झारखंड की पांच जनजातीय भाषा को शामिल किया जा रहा है. नौवीं कक्षा से हमारे सरकारी स्कूल के बच्चे व्यवसायिक शिक्षा पा सकेंगे. इसके अलावा आइ0आइ0टी0ए मेडिकल प्रबंधन आदि में कैरियर बनाने के इच्छुक बच्चों के लिए भी कोचिंग की व्यवस्था होगी. डिग्री के साथ हाथ में हुनर देने के लिए कंपनियों के साथ करार किये जा रहे हैं. इसके तहत सीमेंस कंपनी राज्य के पांचों प्रमंडल मुख्यालय और जिला मुख्यालय में सेंटर फॉर एक्सीलेंस की स्थापना करेगी. इसी तरह पीटीसी कंपनी दो सेंटर की स्थापना करेगी.

कार्यक्रम में शिक्षा मंत्री डॉ नीरा यादव, विधायक अनंत ओझा, स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग की सचिव अराधना पटनायक, माध्यमिक शिक्षा निदेशक मनीष रंजन, जैक चेयरमैन अरविंद प्रसाद सिंह, उपाध्यक्ष फुल सिंह समेत बड़ीं संख्या में छात्र- शिक्षक व अभिभावक उपस्थित थे.

 

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