संवाददाता.पटना.केंद्र सरकार की श्रम विरोधी नीतियों के खिलाफ और बारह सूत्री मांगों को लेकर कई मजदूर संघ आज हड़ताल पर रहें. इस देशव्यापी हड़ताल का व्यापक असर बिहार में भी देखने को मिला. बैंकिंग और ट्रांसपोर्ट सेक्टर से जुड़े तमाम संगठन भी हड़ताल में शामिल हो कर सक्रिय तौर पर सड़कों पर उतरे. ऑटो रिक्शा चालक संघों, सेल्स रिप्रेजेन्टेटिव यूनियन, आशा-आंगनवाड़ी संघ, ठेका-मानदेय-संविदा पर काम कर रहे संगठनों ने भी समर्थन किया.
पटना में डाक बंगला चौराहे पर आशा कार्यकर्ता संघ ने सड़क जाम कर दिया. इसके साथ ही नालंदा, मुजफ्फरपुर , बांका, भागलपुर, पूर्णिया, गया, में भी मजदूर संघ के लोग सड़क पर उतरकर प्रदर्शन किया. राजधानी पटना समेत राज्य के अलग-अलग हिस्से में भी हड़ताल का व्यापक असर देखने को मिला. पटना स्थित बैंकों समेत बीमा कंपनियों के दफ्तरों में भी ताले लटक रहे. राज्य के कई इलाकों में सड़क और रेल यातायात के प्रभावित रहा.
हड़ताली नेताओं ने कहा कि केन्द्र सरकार श्रम सुधारों के नाम पर कॉरपोरेट घरानों के दबाव में श्रमिक हितों से संबंधित कानूनों को लगातार रद्द कर रही है. संगठन बनाने और हक की आवाज बुलंद करने को भी न सीमित किया जा रहा है बल्कि उसे खत्म करने की तैयारी है.
मजदूर-संगठन पिछले कई महीनों से आम-हड़ताल को सफल बनाने की तैयारी कर रहे थे. पटना के कई इलाकों में ऑटो और नगर सेवा बंद होने की वजह से शहरी परिवहन भी अस्त-व्यस्त रहा.
बांका स्टेशन पर हड़ताल सम्थकों ने बांका राजेन्द्रनगर इंटरसिटी एक्सप्रेस को रोक कर प्रदर्शन किया. भागलपुर में हड़ताल में शामिल लोगों ने स्टेशन चौक के पास सड़क जाम कर दिया और प्रदर्शन किया. गया में वाम दलों ने समाहरणालय के पास सड़क जाम किया. जहानाबाद मसौढ़ी मुजफ्फरपुर जमुई में ट्रेनों का परिचालन को बाधित किया.
हड़ताल को सफल बनाने के लिए इंटक, बिहार राज्य निर्माण मजदूर यूनियन, एटक, सीटू,एचएमएस एक्ट, एआईयूटीसी, टीयूसीसी, एआईएमयू, ने संयुक्त रूप से राज्य के सभी सेक्टरों में काम ठप कराने के लिए सड़क पर उतरे. सात ऑटो यूनियनों ने पटना में ऑटो परिचालन ठप रखा. लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा.