‘तीसरी कसम’ के बाद बडे परदे बिहार के गांव को अपने मूल रुप मे देखने का शायद पहला अवसर था,जिसका पटना वासियों ने जम कर स्वागत किया। फन रिजेन्ट में आज प्रदर्शित गुटरू गुटरगूं का पहले दिन का कलेक्शन 70 प्रतिशत रहा,जो कि पटना के लोगों मे अपने सिनेमा के प्रति विश्वास को प्रदर्शित करता है।
पहले दिन के शो में खासतौर पर बिहार आइ ए एस व्वाइव्स एसोसिएशन के सौ से अधिक सदस्यों और पदाधिकारियों ने सामूहिक रुप से फिल्म प्रदर्शन में शामिल होकर महिला सशक्तीकरण जैसे विषय पर बनी इस फिल्म के कलाकारों की हौसला आफजाई की।इस शो में पटना वोमेंस कॉलेज के मॉस कम्युनिकेशन की सौ से अधिक छात्राओं ने भी हेड ऑफ द डिपार्टमेंट मिनती चकलानवीस के साथ फिल्म का आनंद उठाया। पटना के दरभंगाहाउस,गोलघर,संग्रहालय के दृश्यों को देख दर्शक अपने उत्साह को रोक नहीं पा रहे थे।
शो के अवसर पर खासतौर पर फिल्म की नायिका अस्मिता शर्मा ,नायक चंद्रशेखर और निर्देशक प्रतीक शर्मा के साथ कई कलाकार भी दर्शकों से मिले और फिल्म को स्वीकार करने के लिए आभार व्यक्त किया।अस्मिता शर्मा ने कहा कि बिहार की नकारात्मक छवि हिन्दी सिनेमा में काफी दिखायी गयी,अब समय आ गया है कि यहां के लोगों का प्यार,यहां की संस्कृति,यहां के गीत संगीत,यहां के गांव,पारिवारिक रिश्तों के प्रति सम्मान उसे अपनी फिल्मों का धार बनाए और प्रदर्शित करें।उन्होंने पहले सार्वजनिक प्रदर्शन के पूर्व खास तौर पर नीतीश कुमार की सरकार को आभार व्यक्त किया,जिसने फिल्म की संवेदना के प्रति अपना समर्थन जाहिर करते हुए,इसे मनोरंजन टैक्स से मुक्त कर दिया,ताकि बिहार की आम जनता मल्टीप्लेक्सों में कम दर पर इस फिल्म का आनंद उठा सके।
निर्देशक प्रतीक शर्मा ने कहा कि यह फिल्म शीघ्र ही पूरे बिहार,झारखंड और राजस्थान में भी रिलीज होगी।
वास्तव में शौच हमारे जीवन का अनिवार्य सत्य रहा है,फिर भी यह हमारे विचारों के दायरे से हमेशा बाहर रहा है। ऐसे में पूरी तरह खुले में शौच की समस्या पर केंन्द्रित हिन्दी फिल्म ‘गुटरू गुटरगूं’ विस्मित करती है। कई राष्ट्रीय फिल्म समारोहों में प्रदर्शित यह फिल्म अपने व्यापक रिलीज की तैयारी में है,इसी सिलसिले में पिछले दिनों दिल्ली तथा पटना में इसका विशेष प्रदर्शन किया गया।