निशिकांत सिंह.पटना.भाजपा के वरिष्ठ नेता सह लोक लेखा समिति के सभापति नंदकिशोर यादव ने आरोप लगाया है कि शराबबंदी के बाद बिहार में अपराध में कमी होने का नीतीश कुमार का दावा सौ फीसदी खोखला निकला.बिहार सरकार के मासिक अपराध आंकड़े ही मुख्यमंत्री के दावों की हवा निकाल रहे हैं.शराबबंदी के बाद के अपराध आंकड़ों में भी बेतहाशा वृद्धि हुई है.
श्री यादव के अनुसार सरकारी बेवसाइट पर जारी आंकड़ों के अनुसार ही अप्रैल, मई और जून में अपराध के आंकड़ों में निरंतर वृद्धि ही हुई है. खासकर संज्ञेय अपराध, हत्या, डकैती, लूट-पाट, चोरी, दंगे, अपहरण, रंगदारी के लिए अपहरण, बलात्कार, रोड डकैती एवं बैंक डकैती में लगातार इजाफा ही हो रहा है.
श्री यादव ने नीतीश सरकार की खिंचाई करते हुए कहा कि शराबबंदी का ढोल पीट रहे नीतीश कुमार दूसरे राज्यों तक जाकर बिहार में अपराध में कमी का दावा कर रहे हैं. मुख्यमंत्री जैसे जिम्मेदार पद पर बैठे नीतीश के दावों का झूठ उनकी सरकार के बेवसाइट पर ही अंकित है. विभागीय सरकारी पोर्टल के अनुसार अप्रैल माह में जहां 14279 संज्ञेय अपराध बिहार में हुए, वहीं मई माह में यह संख्या 16208 और जून में 17507 हो गयी. इसी तरह अप्रैल में 192 हत्याएं सूबे में हुई, तो मई में 209 और जून में 219 हत्याएं. अप्रैल में डकैती की 23 घटनाएं तो जून में 35 डकैतियां हुईं. अप्रैल में अपहरण के 599 वारदात दर्ज हुए, तो मई में 638 और जून में 702 मामले दर्ज किये गये. रंगदारी के लिए अपहरण अप्रैल में एक हुए तो जून में चार. बिहार में बलात्कार की घटनाओं में भी बढ़ोतरी हुई है. अप्रैल में बलात्कार के 61 मामले दर्ज किये गये, तो मई में 79 और जून में 95 मामले. इसी तरह रोड डकैती, बैंक डकैती और दंगों की संख्या में भी जबर्दस्त वृद्धि हुई है.
श्री यादव ने कहा कि बिहार सरकार के पोर्टल पर जून तक का ही आंकड़ा है. इसमें कहीं भी अपराध में कमी नहीं दिख रहा है. कल नेशनल रिकार्ड ब्यूरो ने 2015 का जो अपराध आंकड़ा जारी किया है, उसने भी बिहार में अपराध सर चढ़ कर बोल रहा है. फिर नीतीश कुमार जवाब दें कि आखिर किस आंकड़े के आधार पर वो बिहार में अपराध में कमी का दावा कर रहे हैं. न खाता न बही, नीतीश जो कहें वो सही के भ्रमजाल में बिहार और देश की जनता अब फंसने वाली नहीं है.