निशिकांत सिंह.पटना.पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने बिहार में हो रही हत्या की घटनाओं पर चिंता व्यक्त की है. मोदी ने भाजपा नेता की कल हुई हत्या के बाद उनके आवास पर जाकर श्रद्धांजलि दी और कहा कि राज्य में लगातार अपराध की घटनाओं में वृद्धि हुई है.उन्होंने कहा कि महागठबंधन सरकार में डाक्टरों, इंजीनियरों और व्यवसायियों के साथ-साथ मुख्य विपक्षी दल भाजपा के वरिष्ठ नेताओं को भी निशाना बनाया जा रहा है. आरा में विशेश्वर ओझा और दानापुर में अशोक जायसवाल की हत्या से एक बार फिर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का यह दावा खोखला साबित हुआ कि शराबबंदी से अपराध घटे हैं.
मोदी ने कहा कि पहली अप्रैल 2016 से शराबबंदी लागू होने के बाद अपराध कुछ घटे थे, लेकिन मई-जून से आपराधिक घटनाएं फिर बढ़ने लगी. बिहार पुलिस की वेबसाइट के अनुसार अप्रैल के मुकाबले जून में बलात्कार की घटनाएं 55 फीसद बढ़ी. मुख्यमंत्री बतायें कि शराबबंदी के बाद बलात्कार और महिलाओं के विरुद्ध हिंसा की घटनाएं कैसे बढ़ीं?
उन्होंने कहा कि अगस्त के पहले पखवारे में कटिहार से 4 साल की बच्ची का अपरहण हुआ. बेखौफ अपराधियों ने बेतिया में पूर्व मंत्री से 1.20 करोड़ रुपये की रंगदारी वसूलने के लिए उनके घर पर बम फेंका. अरवल में पुलिस लाइन के सामने से रिटायर्ड दरोगा के पोते का अपहरण हुआ. मुजफ्फरपुर में एक एजेंसी के 4.84 लाख लूटे गए और पूर्णिया में 11 लाख की डकैती हुई.
मोदी ने कहा कि शराबबंदी के बावजूद संज्ञेय अपराध में 22 फीसदी और हत्या की घटनाओं में 14 प्रतिशत की वृद्धि होना भी मुख्यमंत्री के दावे की धज्जियां उड़ाने वाली सचाई है. डकैती में 52 फीसदी और दंगा-फसाद में 59 फीसदी की वृद्धि क्यों हुई? बैंक लूट की घटनाएं तो 100 फीसदी तक बढ़ गईं. रोड डकैती की घटनाओं में 92 फीसदी और सड़क लूटपाट में 45 फीसदी का इजाफा हुआ, जबकि नीतीश कुमार शराबबंदी से अपराध घटने की रट लगा रहे हैं.