दलितों पर अत्याचार नहीं रोक सकते तो नीतीश इस्तीफा दें-पारस

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संवाददाता.पटना.लोक जनशक्ति पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पशुपति कुमार पारस ने कहा कि बिहार सरकार के मुखिया नीतीश कुमार और इनके बड़े भाई लालू प्रसाद पुरे देश में दलितों पर हो रहे घटना पर हाय-तौबा मचाते हैं और अपने प्रदेश में लगातार दलितों पर जो अत्याचार हो रहा है उसपर इनकी आवाज बन्द हो जाती है.और सरकार दलित-घटनाओं की लीपा-पोती में जुट जाती है. और अगर नीतीश कुमार प्रदेश में हो रहे दलितों पर अत्याचार को नहीं रोक सकते तो उन्हें अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए.

पशुपति पारस का कहना है कि बिहार में लगातार दलितों पर अत्याचार बढ़ रहा है. अभी हाल में मधुबनी के हरलाखी थाना के बासोपट्टी में महादलित लड़की के साथ गैंगरेप हुआ.इस घटना पर नीतीश कुमार चुप्पी साधे हुए हैं और दूसरी घटना पश्चिम चम्पारण के लौरिया थाना क्षेत्र के मटियरिया धांगड़ टोले का है जहां जहरीली शराब पीने से 4 दलितों कि मृत्यु हो गई और बहुत लोग गंभीर रूप से बीमार हैं. एक तरफ नीतीश कुमार पुरे देश में घुम-घुम कर शराबबंदी का खोखला ढिंढोरा पीट रहे हैं और खुद ही शराबबंदी के नशे में चुर हैं. उन्हें प्रदेश में कुछ दूसरा कार्य दिखता ही नहीं है.जहाँ जाते हैं सिर्फ शराबबंदी की बात करते हैं. जबकि अपने ही प्रदेश में लोग जहरीली शराब पी रहे हैं जिस कारण लोगों की मृत्यु हो रही है. उन्हें दलितों की मृत्यु और उनपर हो रहे अत्याचार दिखाई नहीं देते हैं.

श्री पारस ने आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि जहां लोग जहरीली शराब पीने से मरे हैं और मृतक के परिवार के लोग स्पष्ट बयान दे रहे हैं कि शराब पीने से मृत्यु हुई है वहीं प्रशासन के लोग उसे लीपा-पोती कर भोजन खाने से मृत्यु दिखाने में लगे हुए हैं. इससे शर्मनाक घटना प्रदेश के लिए कुछ और नहीं हो सकता है। अगर शराबबंदी की ईमानदार कोशिश नीतीश कुमार या प्रदेश सरकार करती तो पश्चिम चम्पारण के दलितों की जान नहीं जाती. इससे नीतीश कुमार के शराबबंदी के ढोल का पोल खुल गया है.

पारस ने कहा कि पश्चिम चम्पारण में जिन दलितों कि मृत्यु हुई है उनके परिवार को शीघ्र उचित मुआवजा दिया जाये और इस घटना की लीपा-पोती जिन पदाधिकारियों के द्वारा की जा रही है शीघ्र उनके विरूद्ध कड़ी कानूनी कारवाई की जाये.

 

 

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