बाढ प्रभावित क्षेत्रों के दौरे के बाद सीएम ने कहा,चिंता की बात नहीं

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निशिकांत सिंह.पटना. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज बाढ़ प्रभावित इलाकों की स्थिति के हवाई सर्वेक्षण के बाद कहा कि पानी का बहाव बहुत ज्यादा होने के कारण किनारे रहने वाले निवासियों को जो कल बाढ़ का खतरा उत्पन्न हुआ था उसी को लेकर आज वे स्वंय सर्वेक्षण करने गये. उन्होने कहा कि पानी घट रहा है. यह फ्लैश फ्लड की तरह है.इसलिए चिंता की बात नहीं है.

कैबिनेट बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बताया कि झारखण्ड में जो भारी वर्षा हुई है उसी के कारण फलगू के जल अधिग्रहण क्षेत्रों में पानी का फैलाव हुआ है. सोन के जल अधिग्रहण क्षेत्रों में भी भारी वर्षा होने के कारण इन्द्रपुरी बराज से ज्यादा पानी का डिस्चार्ज हुआ है. इधर औरंगाबाद, रोहतास में यह परम्परा है कि बीच-बीच में लोग ऊॅचे जगहों पर अन्दर जाकर खेती करते हैं. 2011 में भी यह समस्या उत्पन्न हुयी थी. लोगों से आग्रह कर उन्हें निकालना पड़ा था. ऐसी संभावना है कि इन्द्रपुरी बराज से 4 लाख क्यूसेक पानी का डिस्चार्ज रहेगा. इसको लेकर हर तरह की सतर्कता बढ़ती जा रही है और स्थिति पर सतत निगरानी रखी जा रही है.

उन्होंने कहा कि इस संबंध में मगध प्रमंडल के आयुक्त तथा गया, औरेंगाबाद, जहानाबाद, अरवल, रोहतास एवं नवादा के जिलाधिकारियों के साथ बैठक कर विस्तृत चर्चा की गयी है. उनसे अद्यतन स्थिति की रिपोर्ट ली और स्वयं भी देखा है. चिंता करने की कोई बात नहीं है. लोग निश्चिंत रहें. साथ ही प्रशासन द्वारा माइक से अलर्ट किये जाने पर लोग प्रशासन की बात मानें और सुरक्षित जगह पर चले जायें. उन्होने कहा कि अभी स्थिति पूरे तौर पर नियंत्रण में हैं.

बिहार विधानमंडल का विशेष सत्र बुलाये जाने के प्रश्न पर मुख्यमंत्री ने कहा कि सत्र का सत्रावसान हुआ ही नहीं था. अनिश्चित कालीन स्थगित है और इसी को ध्यान में रखते हुये सत्रावसान हमलोगों ने नहीं किया था कि जब जीएसटी से रिलेटेड 122 वां संशोधन विधेयक लोकसभा, राज्यसभा से पारित होगा तो आधे राज्यों को रेक्टिफाई करना होगा. उन्होंने कहा कि आप सभी जानते हैं कि बिहार प्रारंभ से ही जीएसटी का समर्थक रहा है. जब यूपीए की सरकार थी और अब जब एनडीए की सरकार आयी तब भी  हमलोग उसका समर्थन करते रहे हैं. इसलिये जब जीएसटी संशोधन विधेयक राज्यसभा से पारित हो गया और लोकसभा से भी परित होना तय ही था तो वैसी स्थिति को ध्यान में रखते हुये हमलोगो ने सत्रावसान नहीं किया था. इसलिये 16 अगस्त को विधानसभा एवं विधानपरिषद की बैठक बुलाने का आग्रह मैंने बिहार विधानसभा के अध्यक्ष एवं बिहार विधानपरिषद के सभापति से किया है और 16 तारीख को अनुसमर्थन का संकल्प लिया जायेगा.

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