संवाददाता.पटना. जन अधिकार पार्टी (लो) के राष्ट्रीय संरक्षक और सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने कहा है कि शराबबंदी के पक्ष में हम खड़े हैं, लेकिन इसका आशय कतई नहीं है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को निरंकुश बनने की छूट बिहार दे दे. राज्य सरकार कुछ भी कानून बना देगी और वह बिहार मंजूर कर लेगा-यह नहीं चलेगा.
उन्होंने कहा कि शराबबंदी के मामले में नीतीश कुमार के मन का नया कानून बिहार में पुलिस को गुंडे की ताकत दिलाने का प्रयास है. यह कैसे संभव है कि शराब कोई पीये और कोई छुपाये, सजा आप घर के सभी सदस्यों को दे देंगे. क्या मतलब है कि किसी शराबी के कारण पूरे परिवार के बुजुर्ग/ माता-बहनों को जेल भेज दिया जाए. दुनिया के किसी कानून में ऐसा होता है क्या. हत्या और बलात्कार जैसे गंभीरतम अपराध में भी आरोपी जुर्म की सजा पाने का हकदार होता है, न कि पूरे खानदान को सूली पर चढ़ा दिया जाता है. यह सब चलने वाला नहीं है, मुख्यमंत्री समझ लें. बिहार का जनादेश नीतीश कुमार को हिटलर बनने के लिए नहीं मिला है.
श्री यादव के अनुसार ऐसा निरंकुश कानून बना, तो सिर्फ और सिर्फ पुलिस की वसूली बढे़गी. वह घर के सदस्यों की संख्या गिनेगी और फिर सौदे की कीमत लगेगी। नीतीश कुमार जी को यह बताना होगा कि किसी एक व्यक्ति के जुर्म में परिवार के सभी बड़े सदस्य जेल भेज दिए गए, तब घर के बाल-बच्चों को यतीम बना देने की जिम्मेवारी किसकी होगी। मेरे हिसाब से कसूरवार सीधे नीतीश कुमार होंगे.
जनाधिकार पार्टी (लोकतांत्रिक) बिहार में बनने वाले इस कानून का जोरदार विरोध करेगी। घर-घर से आवाज उठेगी। यह निरंकुशता सरकार को भारी पड़ेगी। हम इस मुद्दे को छोड़ने वाले नहीं हैं। नीतीश कुमार जी को हम यह याद कराना चाहते हैं कि उन्होंने कहा था कि शराबबंदी के बाद जिस थाना क्षेत्र में शराब पकड़ी जाएगी, वहां के थानेदार नप जाएंगे। अब तो रोज शराब जब्ती की खबरें बिहार के विभिन्न हिस्सों से आ रही है। नीतीश कुमार बताएं कि अब तक कितने थानेदार नापे गए हैं। यदि नहीं तो बिहार से वादाखिलाफी करने का अपना अपराध जनता के सामने मुख्यमंत्री कबूल करें।