संवाददाता.पटना.पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि गांव में शराब मिलने पर मुखिया को जेल भेजने के लिए कानून बनाने की तैयारी कर नीतीश सरकार शराबबंदी को राजसत्ता की सनक में बदल रही है.
मोदी ने कहा कि मुखिया कोई वेतनभोगी कर्मचारी नहीं, बल्कि जनप्रतिनिधि होते हैं. अगर गांव में शराब मिलने पर सरकार मुखिया को जेल भेजना चाहती है, तो क्या संबंधित क्षेत्र के मंत्री को भी जिम्मेदार ठहराया जाएगा? जब पूरा राज्य मुख्यमंत्री का क्षेत्र है, तब कहीं भी शराब मिलने पर क्या उन्हें भी जिम्मेदार माना जाएगा? सरकार मद्यनिषेध के बहाने मनमानी पर उतर आयी है.
मोदी ने कहा कि सत्तारूढ़ दल का कोई विधायक राजधानी एक्सप्रेस में महिला यात्री से छेड़खानी करता पकड़ा जाता है, तो किसी विधायक का लड़कियों के साथ नाचने का वीडियो बार-बार सोशल मीडिया पर वायरल होता है. अगर कोई वीडियो पुराना है, तो पार्टी ने उक्त विधायक को दोबारा चुनाव लड़ने का टिकट क्यों दिया?
सुशील मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार महिलाओं को सम्मान देने की बात करते हैं, लेकिन अक्सर महिलाओं के प्रति उनके विधायकों का आपत्तिजनक आचरण सामने आता है. उन्हें मनचले विधायकों को हमेशा वीडियोग्राफर और सीसीटीवी कैमरे की नजर में रखना चाहिए.