निशिकांत सिंह.अंतरराज्यीय परिषद की बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दोने का मामला उठाया. उन्होंने कहा कि बिहार का विकास तभी संभव होगा जब केंद्र सरकार राज्य को विशेष राज्य का दर्जा देगी. उन्होंने कहा कि पैकेज से राज्य का विकास नहीं होगा.
उन्होंने कहा कि राज्य में नए नए उद्योग धंधे तभी फलेंगे फूलेंगे जब बड़े बड़े औद्योगिक घराने उद्योग लगाने आएंगे.और वो तभी आएंगे जब करों में विशेष छूट रहेगी और सब्सीडी मिलेगी. बिहार के विकास में रूकावट हो रही है जबतक विशेष राज्य का दर्जा नहीं मिल जाता.
नीतीश कुमार की बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग बहुत पुरानी है. जब दूसरी बार नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बने थे तभी से वो विशेष राज्य के दर्जा दिए जाने की मांग उठाते रहें है. विशेष राज्य के दर्जा के लिए पूरे राज्य से हस्ताक्षर अभियान, गांधी मैदान में रैली, दिल्ली के रामलीला मैदान में रैली. जंतर मंतर पर धरना आदि कई तरह के आंदोलन कर चुके हैं.
इसके अलावे मुख्यमंत्री ने शराब बंदी को पूरे देश में लागू करने की मांग प्रधानमंत्री से की. उन्होंने कहा कि पूरे देश भर में पूर्ण शराबबंदी होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि बिहार में शराबबंदी है और सीमावर्ती राज्य सहयोग नहीं कर रहें है. उल्टे सीमा क्षेत्र में शराब की दूकानें ज्यादा मात्रा में खोल दिए है.
नीतीश कुमार ने राज्यपाल की नियुक्ति में मुख्यमंत्री की राय लेने की आवश्यकता पर बल दिया. उन्होंने कहा कि राज्यपाल की नियुक्ति में पारदर्शिता होनी चाहिए.