संवाददाता.पटना.विद्यार्थी परिषद द्वारा मैदान में हवन और मूर्तियों के शुद्धिकरण पर कन्हैया ने अपने फेसबुक वाल पर पोस्ट किया और कहा कि कल जिस हाई स्कूल में अपनी बात रखी थी वहां संधियों ने शुद्धिकरण अभियान चलाया. वे विरोध करते समय भी अपनी छूत-अछूत वाली मानवद्रोही मानसिकता दिखा ही देते है. हवन या गंगाजल से पवित्र करना जिस जातिवादी विचारधारा का हिस्सा है वही कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में दलितों-आदिवासियों आदि के साथ भेदभाव को सही ठहराती है.
कन्हैया ने लिखा कि हम शिक्षा बचाओ देश बचाओ की मुहिम में लगे है और एबीवीपी हवनकुंड में शिक्षा और देश दोनों की आहूति दे रहा है. उसने लिखा कि वे लोग मुझे देशद्रोही मानते है. यह उनका लोकतांत्रिक अधिकार है कि वे मेरी आलोचना करें. लेकिन विरोध करते समय जो तरीका उन्होंने अपनाया है वह लोकतंत्र के तमाम मूल्यों के खिलाफ है. शिक्षा संस्थान में अंधविश्वास को बढ़ावा देने वाला काम करके शिक्षा संस्थान में अंधविश्वास को बढ़ावा देने वाला काम करके उन्होंने अपनी नासमझी ही दिखाई है. मुझे बदनाम करना चाहते थे और खुद बेआबरू हो गए.