संवाददाता.पटना.बगहा पुलिस फायरिंग न्यायिक जांच आयोग के अध्यक्ष, अवकाश प्राप्त न्यायाधीश राजेन्द्र प्रसाद ने आज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को जांच प्रतिवेदन सौंपा.
बगहा पुलिस फायरिंग न्यायिक जांच आयोग का गठन दिनांक 24.06.2013 को किया गया था.आयोग को प0 चंपारण जिला अन्तर्गत नवरंगिया थाना क्षेत्र में थारू जाति के आदिवासियों के साथ टकराव के क्रम में पुलिस द्वारा की गई फायरिंग की जांच की जिम्मेदारी दी गई थी. पुलिस फायरिंग की इस घटना में कुल 06 व्यक्तियों की मृत्यु हुई तथा 21 व्यक्ति घायल हो गये थे. घटना में कुल 25 पुलिसकर्मी भी घायल हुये थे. घटना का संभावित कारण नवरंगिया थाना प्रभारी द्वारा गुमशुदगी के एक मामले की सूचना मिलने की तुरंत बाद प्राथमिकी दर्ज नहीं करने तथा अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए त्वरित कार्रवाई नहीं किया जाना था. अतएव, नवरंगिया थाना के थानाध्यक्ष को दिनांक 25.06.2013 से निलंबित करते हुये पुलिस फायरिंग में शामिल पुलिसकर्मियों को अन्यत्र स्थानांतरित कर दिया गया तथा घटना स्थल पर जाकर अपर पुलिस महानिदेशक (विधि व्यवस्था) एवं पुलिस महानिरीक्षक कारा एवं सुधार सेवाएं के संयुक्त दल द्वारा घटना की जांच कराई गई. उक्त जांच प्रतिवेदन पर सरकार द्वारा विचारोपरांत मामले की गंभीरता को देखते हुये गृह विभाग (विशेष शाखा) की अधिसूचना संख्या-5860, दिनांक- 04.07.2013 द्वारा एकल सदस्यीय न्यायिक जांच आयोग का गठन किया गया एवं इसके अध्यक्ष के रूप में न्यायमूर्ति राजेन्द्र प्रसाद, अवकाश प्राप्त न्यायाधीश पटना उच्च न्यायालय नामित किये गये. जांच आयोग की अवधि 04.07.2013 से छह महीने के लिए निर्धारित की गई तथा आयोग के अनुरोध पर आयोग का कार्यकाल छः-छः माह के लिए दिनांक 04.07.2016 तक के लिए विस्तारित किया गया था. आज बगहा पुलिस न्यायिक जांच आयोग द्वारा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को अपना जांच प्रतिवेदन समर्पित कर दिया गया.
इस अवसर पर मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह, प्रधान सचिव गृह आमिर सुबहानी, मुख्यमंत्री के सचिव अतीश चन्द्रा उपस्थित थे.