निशिकांत सिंह.पटना. बिहार मा.बोर्ड और इंटर काउंसिल के कागजातों की छपाई का ठेका में लालकेश्वर के दामाद ने करोड़ों कमाए.लालकेश्वर प्रसाद सिंह अपने दामाद विवेक कुमार को तीन वर्षों के लिए छपाई का टेंडर दिया था. इतना ही नहीं जदयू के एक छात्र नेता ने भी लालकेश्वर के लिए दलाली की. पटना कॉलेज के जब लालकेश्वर प्रिंसपल थे उस समय से वह उनका भरोसेमंद दलाल था.
लालकेश्वर के बोर्ड का चेयरमैन बनने के बाद तो उस छात्र नेता की चांदी ही चांदी हो गई.जदयू के उस छात्र नेता ने कई स्कूलों की मान्यता अवैध तरीके से दिलवाया.सूत्रों के अनुसार वह अपना कमीशन काटकर ही लालकेश्वर को पैसा पहुंचाता था. रिजल्ट का ठेका भी वह लेता था. पांच से दस लाख में घर बैठे बगैर एडमीशन का पास कराने का ठेका लेता था.
दरअसल, बोर्ड ऑफिस से हर वर्ष 4 करोड़ का टेंडर निकलता था. इसके लिए सबसे अधिक रेंट पर टेंडर का आवेदन देने के बावजूद यूपी की मथुरा प्रिंटिंग प्रेस को लालकेश्वर के दामाद विवेक की पैरवी पर दिया गया. कागजातों की प्रोसेसिंग कोलकत्ता औऱ मथुरा प्रिंटिंग प्रेस में छपाई होती थी. तफ्शीश में यह हकीकत सामने आने के बाद एसआईटी की अलग-अलग टीमों ने कोलकत्ता और मथुरा जाकर जांच पड़ताल की. इस दौरान टेंडर घोटाले के कई अहम सबूत भी मिले है.
इधर नेहरू नगर में विवेक के घर से कुछ अहम कागजात बरामद हुए है जिसकी तफ्शीश में पुलिस लगी हुई है..डिलिंग के समय विवेक, पीए, चुन्नू अनिल, रंजन व अन्य दलाल परीक्षा से लेकर रिजल्ट तक मैनेट करते थे. उधर पुलिस ने आर्थिक अपराध अनुसंधान को मामला सौंप दी है. लालकेश्वर और उषा सिन्हा की संपत्ति को जब्त कर सकती है.