निशिकांत सिंह.पटना. मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि प्रत्येक विमुक्त बाल श्रमिकों को मुख्यमंत्री राहत कोष से 25 हजार रूपये दिया जायेगा। यह राशि उनके नाम के बैंक एकाउंट में जमा कराया जायेगा। इससे उनके मन में आत्मविश्वास जगेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि बाल श्रम के क्षेत्र में जो भी लगे हुये हैं, मैं उनको धन्यवाद देता हूं. हम आपके साथ हैं, हमें मिलकर प्रयास करना होगा. उन्होंने कहा कि मीडिया को भी ऐसे मुद्दों को उठाना चाहिये. बाल श्रमिकों का अनुभव तथा इस क्षेत्र में अच्छा कार्य कर रहे लोगों को भी उन्हें दिखाना चाहिये, इससे आमलोगों पर अच्छा असर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि बाल श्रम की कुरीति समाज से हटेगी.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज अधिवेशन भवन में विश्व बाल श्रम निषेध दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम उद्घाटन किया. इस अवसर पर लोगों को संबोधित करते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि आज हम सब विश्व बाल श्रम निषेध दिवस के अवसर पर आयोजित इस कार्यक्रम में उपस्थित हुये हैं. इस अवसर पर बाल श्रम से मुक्ति के लिये वातावरण निर्माण के लिये कुछ प्रयास किये जायेंगे, इसकी चर्चा हुयी. उन्होंने कहा कि बाल श्रम से मुक्त कराये गये बच्चे आगे क्या कर रहे हैं, उस पर ठीक ढंग से निगरानी रखने के लिये बेव बेस्ड चाइल्ड लेबर ट्रैकिंग सिस्टम की शुरूआत की जा रही है तथा बाल श्रम निषेध के लिये जन जागरूकता के लिये मीडिया कैम्पेन की शुरूआत की जा रही है। इन सभी से वातावरण का निर्माण होगा. वैसे तो बाल श्रम के लिये कानून है. बच्चों से काम लेना यहां तक कि घरेलू काम लेना भी गुनाह है तथा इसके लिये सजा का प्रावधान है, फिर भी बच्चों को काम पर लगाया जाता है. हाल के दिनों में लोगों में जागृति आयी है, मीडिया में भी जागृति आयी है. बाल श्रमिकों का वीजुअल दिखाया जाता है, जो एक प्रमाणित साक्ष्य है. प्रिन्ट मीडिया में भी खबर छपती रहती है। बाल श्रम के खिलाफ वातावरण बन रहा है.
इस अवसर पर सहकारिता मंत्री आलोक कुमार मेहता, समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा, शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी, श्रम मंत्री विजय प्रकाश ने भी अपने विचार व्यक्त किये. विश्व बाल श्रम निषेध दिवस के अवसर पर आयोजित इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री द्वारा बेव बेस्ड लेबर टैªकिंग सिस्टम एवं मीडिया कैम्पेन/पोस्टर का शुभारंभ किया गया। साथ ही विमुक्त बाल श्रमिकों की आकांक्षाओं को परिलक्षित करने वाले चार्टर आन डिमांड को सैद्धांतिक तौर पर स्वीकार किया गया. मुख्यमंत्री ने हैदराबाद एवं मुम्बई से विमुक्त किये गये दस बाल श्रमिकों- मोहन कुमार, अशरफ आलम, शबीर अली, बसंत कुमार, हंसलाल महतो, मोहम्मद दिलशाज, नसीम आलम, रीयाज अहमद, विशाल कुमार सिंह आदि को नकद एवं कीट प्रदान किया.
इस अवसर पर विधान पार्षद सह बाल श्रम आयोग के पूर्व अध्यक्ष चन्द्रेश्वर प्रसाद चन्द्रवंशी, पूर्व उपाध्यक्ष अनिता देवी, प्रधान सचिव श्रम दीपक कुमार सिंह, प्रधान सचिव समाज कल्याण वंदना किन्नी, मुख्यमंत्री के सचिव अतीश चन्द्रा, मुख्यमंत्री के सचिव मनीष कुमार वर्मा, श्रमायुक्त मोहम्मद सलिम, यूनिसेफ के प्रतिनिधि यामिन मजूमदार सहित अन्य अधिकारी एवं गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।