निशिकांत सिंह.पटना.बिहार के बहुचर्चित टॉपर्स घोटाला में एक और बड़ा खुलासा हुआ है, जिससे पुलिस प्रशासन अब संदेह के घेरे में है. आईजी की टीम ने यह खुलासा किया है कि बच्चा राय पुलिस कस्टडी से ही फरार है. जिससे पुलिस भी संदेह के घेरे में आ गया है. आईजी की यह रिपोर्ट पुलिस हेडक्वाटर को सौंपी गई है.
इससे पहले मंगलवार को जिस समय पुलिस वैशाली के उनके कॉलेज में तहकीकात करने गई थी, वह वहां मौजूद था.कहते हैं,एक फोन कॉल आया और बच्चा को छोड़ दिया गया. पूछताछ के दौरान मीडिया को भी भीतर जाने से रोका गया. कॉलेज गेट बंद कर दिया गया था. वहां भी सख्त पहरा था.
इस बीच खबर मिल रहीं है कि मंगलवार को पुलिस ने जब विशुन राय कॉलेज में दबिश दी,वहां प्राचार्य बच्चा राय मौजूद था. उससे पूछताछ शुरू हुई . वरीय अधिकारियों को इसकी सूचना दी गई. संभवतः इसी दौरान पटना एसएसपी ने पूछताछ वाला बयान दिया. लेकिन इसी दौरान कुछ ऐसा हुआ कि उसे छोड़ दिया गया. इसके बाद प्रेस से बातचीत में वैशाली के एसपी ने बच्चा राय के पकड़े जाने की बात की पुष्टी नहीं की.
लेकिन सवाल उठना लाजमी है कि किसके फोन आने पर बच्चा को छोड़ा गया अब आईजी ने भी खुलासा कर दिया है. पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने सरकार से सवाल किया है कि किसके इशारे पर बच्चा यादव को छोड़ा गया. उन्होंने कहा कि इस संबंध सब लोग यह जानते है कि टॉपर घोटाले के किंगपिन विशुन राय कॉलेज के प्रिंसिपल अमित कुमार उर्फ बच्चा राय को गिरफ्त में लेने के बाद पुलिस ने राजद के किस बड़े नेता के कहने पर उन्हें भागने का मौका दिया। इसी प्रकार बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के निवर्तमान अध्यक्ष लालकेश्वर प्रसाद सिंह सरकार की आंखों से सामने से जब फरार हो गए तो अब जनता, विपक्ष और मीडिया के दबाव में दिखावे के लिए छापेमारी का नाटक कर रही है.