संवाददाता.वाराणसी.मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने वाराणसी दौरे के दूसरे दिन शुक्रवार को दशाश्वमेध घाट पहुंचे. गंगा सप्तमी के उपलक्ष्य में यहां उन्होंने गंगा में अभिषेक किया. साथ ही गंगा आरती कर आशीर्वाद भी लिया और गंगा की अविरलता और निर्मलता की भी बात की. उन्होंने कहा कि गंगा निर्मल तभी होगी जब अविरल होगी. इस संबंध में मोदी सरकार की गंगा से संबंधित योजनाओं पर सवाल जरूर उठाये. इसके बाद वो काशी विश्वनाथ मंदिर में बाबा का दर्शन करने गए. वहां से संकट मोचन मंदिर भी गए.
उन्होंने यह भी कहा कि गंगा हमारी सभ्यता और संस्कृति से जुड़ी हुई है. मेरा भी घर गंगा के किनारे है. कॉलेज भी गंगा के पास ही था. लेकिन, काशी में आकर गंगा-दर्शन का अवसर मिला है. गंगा रिवर बेशिन अथॉरिटी का गठन किया गया, लेकिन मैं यह बात पहले से ही उठा रहा हूं. फरक्का ने गंगा की अविरलता को रोक रखा है, जो गलत है. गंगा में जिस तरह से नदी की धार कमजोर होती जा रही है इसमें जिस प्रकार प्रदूषण बढ़ता जा रहा है ये चिंता का विषय है.
मुख्यमंत्री ने कहा मेरी अपनी समझ है कि सिर्फ निर्मलता नहीं बल्कि अविरलता के बिना निर्मलता भी संभव नहीं है. गंगा नदी के अविरलता पर ध्यान देना चाहिए. अविरलता रहेगी तो निर्मलता भी रहेगी. मैंने गंगा रिवर बेशिन अथॉरिटी का गठन किया गया तब से ये बात उठा रहा हूं. बिहार गंगा नदी के धार में योगदान करता है. गंगा नदी के अविरलता में जो छेड़छाड़ हुआ है उसका दुष्परिणाम आज देखने को मिल रहा है.’