संतोषजनक कार्य नहीं करनेवाले कर्मियों पर कार्रवाई करें—मुख्य सचिव

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संवाददाता.रांची.झारखंड की मुख्य सचिव राजबाला वर्मा ने सभी जिले के सिविल सर्जन, डीएसडब्ल्यूओ, सीडीपीओ को निर्देश दिया है कि संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने के लिये आंगनबाड़ी सेविकाओं, सहियाओं की जवाबदेही सुनिश्चित करें तथा संतोषजनक कार्य नहीं करने वाले कर्मियों पर कार्रवाई करें. वे शनिवार को प्रोजेक्ट बिल्डिंग में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से समाज कल्याण विभाग एवं स्वास्थ्य विभाग के अन्तर्गत संचालित पोषाहार एवं संस्थागत प्रसव के संबंध में सिविल सर्जन, डीएसडब्ल्यूओ, सीडीपीओ को संबोधित कर रही थीं.

मुख्य सचिव ने निर्देश दिया कि गर्भवती महिलाओं का सर्वेक्षण कर संस्थागत प्रसव को बढ़ावा दिया जाए साथ ही सभी सहियाओं-सेविकाओं की जवाबदेही सुनिश्चित की जाए. उन्होंने कहा कि जिन जिलों की स्थिति संतोषजनक नहीं है उन जिलों को चिन्ह्ति कर वहां विशेष अभियान चलायी जाए साथ ही आंगनबाड़ी के माध्यम टीकाकरण अभियान चलाना भी सुनिश्चित करें.समीक्षा बैठक में सभी सिविल सर्जन को उन्होंने निर्देश दिया कि राज्य में पीपीपी मोड पर संचालित सभी पैथोलोजी सेंटर जिनकी जांच का बिल प्राप्त हो गया है उनका भुगतान अविलंब करें अन्यथा इसकी जवाबदेही सीधे उन पर होगी. जिन जिलों में टीकाकरण कार्यक्रम संतोषजनक नहीं है वहां इंद्रधनुष कार्यक्रम मिशन के तहत विशेष अभियान चलायी जाए. उन्होंने नेशनल हेल्थ मिशन को जिलावार संस्थागत प्रसव एवं टीकाकरण के आंकड़ों का विश्लेषण कर कमजोर जिलों को चिन्ह्ति करने का निर्देश दिया साथ ही ऐसे आंगनबाड़ी केन्द्र जहां शून्य संस्थागत प्रसव एवं टीकाकरण पाया गया है, उनपर त्वरित कार्रवाई करने का निर्देश दिया.

मुख्य सचिव ने कहा कि ग्रामीण स्वास्थ्य पोषण दिवस की गुणवत्ता को और ज्यादा बेहतर बनाने के लिये यथोचित कदम उठाएं ताकि कुपोषित बच्चों और माता को उसका लाभ दिया जा सके. उन्होंने कहा कि किसी भी हाल में हर आंगनबाड़ी केन्द्र में निर्धारित दिवस को कैंप का आयोजन किया जाना सुनिश्चित कराया जाए. अगर ग्रामीण स्वास्थ्य पोषण दिवस के कैंप का आयोजन नहीं किया जा रहा है तो ऐसे लोगों पर कार्रवाई की जायेगी.उन्होंने साफ कहा कि अगर स्वास्थ्य के क्षेत्र में सुधार हेतु काम नहीं किये जायेंगे तो ऐसे पदाधिकारियों / कर्मियों को चिन्ह्ति कर उनपर कार्रवाई की जायेगी. उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि जिन स्वास्थ्य केन्द्रों, उप स्वास्थ्य केन्द्रों और प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में प्रसव हेतु संसाधन उपलब्ध नहीं है, वहां जिला स्तर पर निविदा के द्वारा जरूरी उपकरण क्रय किए जाएं तथा आवश्यक दवाईयों की उपलब्धता सुनिश्चित कराई जाए.इस बैठक में मुख्य रूप से प्रधान सचिव स्वास्थ्य विभाग के विद्यासागर, सचिव कल्याण विभाग विनय कुमार चौबे, एनआरएचएम के आशीष सिंहमार सहित कई पदाधिकारी उपस्थित थे.

 

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